नई दिल्ली। भारत के शीर्ष चिकित्सा शिक्षा नियामक ने कोरोनावायरस (Coronavirus) जैसी महामारियों से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर डॉक्टरों को बेहतर तरीके से तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम में एक नया हिस्सा जोड़ा है। इसके तहत मेडिकल छात्र अब एमबीबीएस पाठ्यक्रम में सामाजिक, कानूनी और अन्य पहलुओं के साथ महामारी प्रबंधन की पढ़ाई करेंगे।
निकाय के संचालक मंडल (बीओजी) ने कहा कि यह उम्मीद की जाती है कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम में महामारी प्रबंधन का हिस्सा (मॉड्यूल) शामिल करने से ऐसा भारतीय चिकित्सा स्नातक सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी जो महामारी के दौरान डॉक्टर, नेता आदि के रूप में मानवता की सेवा करेगा।
कोरोनावायरस महामारी के कारण इसकी शुरुआत की गई है और इसका उद्देश्य उभरती बीमारियों से उत्पन्न चुनौतियों के लिए डॉक्टरों को तैयार करना है। कॉलेजों द्वारा अपनाए जाने वाले मॉड्यूल का विवरण भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के अकादमिक प्रकोष्ठ और विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा तैयार किया गया है।
बीओजी के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह महामारी प्रबंधन मॉड्यूल यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि एमबीबीएस छात्र न केवल बीमारी से निपटने में दक्ष हो सकें बल्कि इस तरह के रोग के प्रकोप से उत्पन्न होने वाले सामाजिक, कानूनी और अन्य मुद्दों का भी समाधान कर सकें।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत और दुनियाभर में इसके तेजी से प्रसार ने हमारे डॉक्टरों में इन कौशलों को विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।(भाषा)