दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्णा ने कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 कोविड-19 के मरीजों का पता लगाने में मदद के लिए लाए गए मोबाइल ऐप आरोग्य सेतु के संबंध में डाटा के संभावित उल्लंघन को लेकर सवाल खड़ा किया है।
उन्होंने कहा कि यह (ऐप) इस प्रकार का पैबंदकारी है जो नागरिकों को फायदा पहुंचाने के बजाय उनकी चिंता बढ़ाएगा। न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा ने कहा कि यह बिलकुल आपत्तिजनक है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने वाले इस ऐप पर ऐसा आदेश कार्यकारी स्तर पर जारी किया गया।
पूर्व न्यायाधीश ने सोमवार को दक्ष द्वारा ‘डाटा शासन एवं लोकतांत्रिक मूल्य’ पर आयोजित वेबीनार में कहा, ऐसे आदेश को संसदीय कानून से समर्थन प्राप्त होना चाहिए जो सरकार को ऐसा आदेश जारी करने के लिए अधिकृत करेगा।
उन्होंने कहा कि उपयुक्त कानून के अभाव में डाटा उल्लंघन की स्थिति में व्यवस्था में कोई जवाबदेही नहीं है।न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा उस विशेषज्ञ समिति के अगुवा थे जिसने निजी डाटा सुरक्षा विधेयक का प्रारूप तैयार किया था।(भाषा)