नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोरोना महामारी के दौरान पार्टी की ओर से चलाए जा रहे राहत कार्यों में समन्वय के लिए वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में मंगलवार को 13 सदस्यीय कोविड-19 राहत कार्य बल का गठन किया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह कार्यबल गठित किया है।
इस कार्यबल में आजाद के अलावा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल, वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, मनीष चतरथ और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी .वी शामिल हैं। इनके साथ ही कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा, अजय कुमार और पार्टी नेता गुरदीपसिंह सप्पल को इस कार्यबल में जगह दी गई है।
गुलाम नबी आजाद को पार्टी के इस महत्वपूर्ण कार्यबल का प्रमुख बनाए जाने का इस मायने में खासा महत्व है क्योंकि वे कांग्रेस के उस जी 23 समूह का प्रमुख चेहरा हैं जो पार्टी में संगठनात्मक चुनाव और जिम्मेदारी के साथ जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग पिछले कई महीनों से कर रहा है।
कांग्रेस ने कोरोना संकट में लोगों की मदद के लिए अपने राष्ट्रीय कार्यालय और प्रदेश इकाइयों के कार्यालयों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस भी सोशल मीडिया और फोन के माध्यमों से लोगों की मदद कर रही है।
पत्र पर घमासान : कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा की ओर से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र को लेकर मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के संकट के समय उसने सरकार को आगाह करके और अच्छे सुझाव देकर विपक्ष होने का राजधर्म निभाया, लेकिन सत्तापक्ष की तरफ से सिर्फ अहंकार दिखाया गया है। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि नड्डा और केंद्र सरकार को अहंकार त्यागकर इस वक्त देशवासियों की जान बचाने पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस पर कोविड-19 के खिलाफ जारी देश की लड़ाई में लोगों को गुमराह करने और भय का झूठा माहौलपैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि संकट के इस दौर में राहुल गांधी सहित उसके नेताओं के व्यवहार को छल कपट और ओछेपन के लिए याद किया जाएगा। नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे चार पन्नों के एक पत्र में यह आरोप लगाए हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी जिसमें कोविड-19 प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की गई थी। नड्डा के पत्र को लेकर माकन ने संवाददाताओं से कहा कि दुख की बात है जब कांग्रेस के शीर्ष नेता इस सरकार को महामारी के संदर्भ में चेताते रहे तब यह सरकार अहंकार में डूबी हुई थी और राजनीतिक स्कोर करने में लगी थी। इसी 28 जनवरी को प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को आपदा से बचा लिया। लेकिन आज स्थिति सबके सामने है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी अपना राजधर्म विपक्ष होने के नाते भी निभा रही है, सरकार को अच्छे सुझाव दे रही है। लेकिन भाजपा के अध्यक्ष ने आज सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर जिस अहंकारपूर्वक जवाब दिया, उससे हम सब लोगों का सिर शर्म से झुक जाना चाहिए।
माकन ने कहा कि हम तो उम्मीद कर रहे थे कि कांग्रेस कार्य समिति, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से जो सुझाव दिए गए, उनसे सरकार के कानों पर जूं रेंगेगी और स्वास्थ्य मंत्री, प्रधानमंत्री तथा हमारी सरकार का कार्यबल इन सब चीजों को समझेंगे। लेकिन उल्टा चिट्ठी लिखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष का अपने आपको बचाना और अहंकारपूर्ण बातें करना शोभा नहीं देता है।
माकन ने सवाल किया कि जेपी नड्डा को बताना चाहिए कि क्या भारतीय चिकित्सा संघ राजनीति कर रहा है? क्या लैंसेट राजनीति कर रहा है? क्या उन्हें पता है कि अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और दूसरे देशों के अखबार क्या लिख रहे हैं?
उन्होंने सरकार पर आंकड़े छिपाने के आरोप लगाते हुए कहा कि अब तो गंगा मां ने भी कह दिया है कि आप किस तरीके से आंकड़े छुपा रहे हैं। माकन ने कहा कि सरकार ने टीके की तैयारी नहीं की, ऑक्सीजन की तैयारी नहीं की। लोग अपने प्रियजन का सही से अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं। किस प्रकार का शासन आपने हमारे देश को दिया है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने नड्डा पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि कांग्रेस अध्यक्ष के नाम आधारहीन पत्र लिखने की बजाय भाजपा अध्यक्ष नड्डाजी 6 मई, 2021 का न्यूयॉर्क टाइम्स का एक स्तंभ पढ़ सकते हैं। इसके लेखक कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने जिस लेख का हवाला दिया उसमें भारत में कोरोना महामारी की स्थिति को लेकर चिंता प्रकट की गई है। (भाषा)