अहमदाबाद। गुजरात में लोग कोरोना वायरस संक्रमण से बचने में महत्त्वपूर्ण मानी जा रही हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सेवन करने के ही साथ इसे जमा करके भी रखने लगे हैं। इसे देखते हुए सरकार को दवा के स्वास्थ्य दुष्प्रभावों के खिलाफ चेतावनी जारी करनी पड़ी और केमिस्टों को निर्देश जारी कर इसे बिना चिकित्सक के परामर्श के नहीं बेचने को कहा है।
भारत दुनिया में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होती है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सरकार से कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का निर्यात करने का अनुरोध किए जाने के बाद से इसकी मांग बढ़ गई है।
गुजरात खाद्य एवं औषध नियंत्रण प्राधिकरण आयुक्त एचजी कोशिया ने कहा कि हमें मालूम चला है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के बारे में समाचार में आने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इसे कोविड-19 के इलाज में प्रभावी दवा बताए जाने के बाद से लोग इसे खरदीने के लिए स्टोर पहुंच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा पता चला है कि कई लोग दवा का सेवन कर रहे हैं या कोरोना वायरस के डर से इसको जमा कर रख रहे हैं।
कोशिया ने कहा कि यह निर्धारित एच दवा है जिसे केमिस्ट पंजीकृत चिकित्सक द्वारा परामर्श दिए जाने के बाद ही बेच सकता है। अगर लोगों में कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं तो निर्धारित एच दवा लेना सामान्य लोगों के लिए ठीक नहीं है।
उन्होंने आगाह किया कि खुद से दवा लेना नुकसान पहुंचाता है और डॉक्टर की देख-रेख में नहीं लेने पर इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि इसलिए हमने लोगों को बिना चिकित्सीय परामर्श के दवा नहीं लेने की सलाह देते हैं। हमने केमिस्टों से उन मरीजों को दवा नहीं बेचने को कहा है, जो चिकित्सीय परामर्श के बिना आ रहे हों। (भाषा)