मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को एहतियात के तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी जाएगी। साथ में सरकार ने इस दवा के इस्तेमाल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास ने हाल में जारी एक परिपत्र में कहा है कि यह दवाई कोविड-19 के मरीजों और संदिग्ध रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मियों को दी जाएगी। साथ ही उन लोगों को भी यह दवा दी जाएगी जो संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं।
परिपत्र में कहा गया है कि यह दवा कोरोना वायरस निरुद्ध क्षेत्र में घूम रहे सर्वेक्षण दस्तों के सदस्यों को भी दी जाएगी। साथ में उन अस्पताल के चिकित्सा कर्मचारियों को भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी जाएगी जहां कोविड-19 के मामले पाए गए हैं।
परिपत्र में कहा गया है कि चिकित्सा कर्मियों को यह दवा सात हफ्ते तक लेनी होगी जबकि कोविड-19 के संपर्क में आए लोगों को 3 हफ्ते तक यह गोली खानी होगी। चिकित्साकर्मियों को उनकी मंजूरी के बाद ही दवाई दी जाएगी।
परिपत्र में कहा गया है कि दवाई 15 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह के बाद ही यह दवाई दी जानी चाहिए।
परिपत्र में कहा गया है कि रेटिनोपैथी नाम की आंख की बीमारी से पीड़ित लोगों को भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नहीं दी जानी चाहिए।
इसमें कहा गया है कि जिनको रक्त संबंधी बीमारी है, उन्हें चिकित्सा जांच के बाद यह दवाई दी जाए और किसी भी तरह के दुष्प्रभाव का ध्यान रखा जाए।
परिपत्र में कहा गया है कि दवाई लेने के दौरान चिकित्सा कर्मियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), एन-95 मास्क और तीन परत वाला मास्क पहनना होगा। (भाषा)