नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने राज्यों को दो दिनों के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई है। ICMR के आर. गंगाखेड़कर ने नियमित प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि रिजल्ट में बहुत भिन्नताएं आ रहीं थीं। इसके चलते ऑन ग्राउंड टीमों द्वारा किट परीक्षण के बाद 2 दिनों में एडवाइजरी जारी की जाएगी।
ICMR ने नियमित प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि 4,49,810 सैंपलों का अब तक टेस्ट किया जा चुका है। कल 35,852 सैंपलों का टेस्ट किया गया जिनमें से 29,776 नमूनों का टेस्ट 201 ICMR नेटवर्क लैब में और बाकी 6,076 सैंपलों का टेस्ट 86 निजी प्रयोगशालाओं में किया गया।
आर. गंगाखेड़कर ने बताया कि यह एक नई बीमारी है पिछले साढ़े तीन महीनों में विज्ञान ने विकास किया है और हमने PCR टेस्ट भी शुरू किए। 5 टीके मानव परीक्षण फेज़ में चले गए हैं। यह पहले कभी किसी अन्य बीमारी के मामले में नहीं हुआ।
राजस्थान ने लगाई रोक : जांच परिणाम सही नहीं पाए जाने के कारण राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल मंगलवार को रोक दिया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इन किट से परीक्षणों के परिणाम के बारे में एक रिपोर्प भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को भेजी थी। मंत्री के अनुसार इस किट से केवल 5 प्रतिशत सही या वैध परिणाम मिले हैं। ये किट चीन से मंगाए गए थे।