नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट काल में भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को मदद का प्रस्ताव दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने गुरुवार को पड़ोसी देश को याद दिलाया कि महामारी के दौरान नई दिल्ली द्वारा दिए गए आर्थिक राहत पैकेज का आकार पाकिस्तान के जीडीपी के बराबर है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान अपने देश के लोगों को नकद देने की बजाए देश से बाहर बैंक खातों में नकद अंतरण के लिए जाना जाता है। इमरान खान के सलाहकारों को और बेहतर सूचना की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को पाकिस्तान के कर्ज की समस्या (जीडीपी के 90 प्रतिशत) के बारे में पता है और कर्ज के पुनर्गठन को लेकर वे कितने दबाव में हैं। अच्छा होगा कि वे याद रखें कि हमारा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पाकिस्तान के जीडीपी के बराबर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को निपटने में मदद देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। श्रीवास्तव ने पीएम की मदद के ऑफर के बीच पाकिस्तान को इस्लामाबाद के कर्ज को भी याद दिला दिया।
इमरान खान ने एक खबर की लिंक ट्वीट कर कहा कि 'इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 34 प्रतिशत घरों में लोग बिना सहायता के एक सप्ताह से ज्यादा नहीं जिंदा रह सकते हैं। मैं भारत की मदद और ट्रांसफर प्रोग्राम को साझा करने के लिए तैयार हूं। (एजेंसियां)