जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोनावायरस से संक्रमित हर गंभीर मरीज को आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक इंजेक्शन टोसिलीजूमेब और प्लाजमा पद्धति उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि लगभग 40 हजार रुपए कीमत का यह इंजेक्शन गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग किसी भी जरूरतमंद मरीज के लिए इस इंजेक्शन की उपलब्धता में कमी नहीं आने देगा और राज्य सरकार इसके लिए तुरंत पर्याप्त धनराशि स्वीकृत करेगी।
गहलोत ने रविवार को प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान इसकी घोषणा करते कहा कि प्लाजमा पद्धति तथा टोसिलीजूमेब इंजेक्शन से कोरोना के गंभीर मरीज की जान बच सकती है जिसका सफल प्रयोग एसएमएस अस्पताल में किया जा चुका है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसएमएस अस्पताल के साथ-साथ प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और जिलों चिकित्सालयों में भी जरूरत के अनुसार प्लाजमा पद्धति और जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के उपचार में प्लाजमा पद्धति को बढ़ावा देने और उसके लिए प्रदेशभर में प्लाजमा दान शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संदिग्ध मरीज का नमूना लेने के समय उसे संक्रमण न फैले, इसके प्रति जागरूक कर उसके स्वयं के एवं अन्य परिजनों के हित में जांच का परिणाम आने तक घर पर ही रहने की हिदायत देने को कहा।
मुख्यमंत्री ने अधिक संक्रमण वाले जिलों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वायरस के फैलाव के कारणों का बारीकी से अध्ययन करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार कर्फ्यू एवं निषिद्ध के लिए चिन्हित सीमित क्षेत्र में संपूर्ण लॉकडाउन की पालना करवाएं।
उन्होंने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बुजुर्गों तथा संभावित मरीजों के साथ-साथ संक्रमण फैलाने वाले संदिग्ध लोगों पर विशेष ध्यान देने तथा उनकी नियमित जांच करने का सुझाव दिया। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में करीब 17,000 लोग संस्थागत पृथकवास में हैं जिनकी निगरानी की जा रही है।
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। (भाषा)