इंदौर। थानों में जब्त रेमडिसिविर इंजेक्शन के मामले में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश दिया।
इस आदेश के बाद थानों में जब्त इंजेक्शन जरूरतमंद मरीजों के काम आ सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश में पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर रेमडिसिवर से लेकर अन्य
जीवनरक्षक दवाएं जब्त की हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि अधीनस्थ न्यायालय को भी इस तरह की दवाइयों की सुपुर्दगी के मामले 3 दिन में निपटाना होंगे।
दरअसल, इस मामले में एडवोकेट आशुतोष शर्मा के माध्यम से लखन शर्मा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसके पश्चात हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश मे लागू होने वाला आदेश पारित किया है।
शर्मा ने बताया कि याचिका मे इंटर्वेनर बनने के पश्चात हमने एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया है, जिस ओर किसी का ध्यान नही जा रहा था।
रेमडिसिविर कालाबाजारी और चोरी हो रही है और दवाइयां पुलिस द्वारा जब्त भी की जा रही हैं, परंतु जब्त हो रही ये जीवनरक्षक दवाइयां कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीजों को मिलने के बजाय पुलिस की कस्टडी में खराब हो रही हैं। अत: इस दवा का जनहित में उपयोग होना आवश्यक है।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में समस्त जिलों के सीएमएचओ को उक्त इंजेक्शन को अपनी सुपुर्दगी में लेने
का आदेश दिया है। साथ ही इन दवाइयों की फॉरेंसिक जांच के बाद जनता के लिए उपयोग में लाने के लिए
कहा गया। साथ ही अधीनस्थ न्यायालयों को CMHO द्वारा लगाई जाने वाली अर्जी का तीन दिन के भीतर
निराकरण करने का आदेश दिया है।