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सोशल मीडिया पर लॉकडाउन की अफवाह से बचे लोग,गृहमंत्री की अपील, किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा

प्रदेश में लॉकडाउन की अफवाह से मंडियों में किसानों की उमड़ी भीड़

हमें फॉलो करें सोशल मीडिया पर लॉकडाउन की अफवाह से बचे लोग,गृहमंत्री की अपील, किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा
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विकास सिंह

, बुधवार, 25 नवंबर 2020 (12:10 IST)
कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए मध्यप्रदेश में सोशल मीडिया पर चल रही लॉकडाउन लगाए जाने की खबरों को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फिर एक बार खारिज किया है। मीडिया से बात करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि “सोशल मीडिया पर कुछ लोग लॉकडाउन का भ्रम फैला देते है,मैंने पहले भी कहा था कि लॉकडाउन लगाने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है”। 
 
गृहमंत्री ने आगे कहा कि "किसानों के बीच किसी ने लॉकडाउन का भ्रम फैला दिया है,जिससे मंडियों में आवक बहुत ज्यादा हो गई है। मैं किसानों को आश्वस्त करता हूं कि धैर्य बना कर रखे,सबका एक-एक दाना खरीदा जाएगा। मध्यप्रदेश में कोई लॉकडाउन का प्रस्ताव नहीं है लोगों को किसी भी प्रकार के भ्रम और भय में नहीं रहना चाहिए"।  

इंदौर एवं भोपाल में विशेष सावधानी- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर इस  समय कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है। इंदौर में लगातार एक दिन में 500 से अधिक और भोपाल में लगातार 300 से अधिक पॉजिटिव मरीज आने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। भोपाल की पिछले सात दिनों से कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 12 प्रतिशत है, वहीं इंदौर की 10 प्रतिशत।

दोनों ही शहरों में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इंदौर एवं भोपाल में विशेष सावधानी बरते जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। कोरोना संक्रमण को रोकना है तथा पॉजिटिविटी रेट को किसी भी हालत में 05 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने देना है। मुख्यमंत्री ने अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के निर्देश दिए।

वहीं प्रदेश के कई जिलों में कोरोना को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आर्थिक गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। विवाह आयोजनों, वस्तुओं के परिवहन आदि में कोई बाधा नहीं आना चाहिए और ना ही कोई समय का बंधन। आयोजनों में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या सीमित की जा सकती है। जिन क्षेत्रों में संक्रमण अधिक है, वहां छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन्स भी बनाए जाएं। इस संबंध में जिले के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय ले सकते हैं।
 

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