मुंबई। महाराष्ट्र में मार्च में कोरोनावायरस ने जमकर कहर ढाया। मार्च के 31 दिनों में कोविड-19 के 6,51,513 मामले आए जो पिछले 5 महीने में आए कुल मामलों का 88.23 प्रतिशत हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल एक अक्टूबर और 28 फरवरी 2021 के बीच कोरोना वायरस के 7,38,377 मामले सामने आए।
आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्व के महीनों की तुलना में मार्च 2021 में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह यह है कि कोविड-19 से बचाव के संबंध में लोग उपयुक्त व्यवहार नहीं अपना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोगों ने उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं किया और मास्क भी नहीं लगाए। जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं।
राज्य कोविड-19 कार्यबल के एक सदस्य ने कहा कि मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर जुर्माना राशि बढ़ाने के बारे में राज्य के अधिकारियों और मंत्रियों के बीच कई बार चर्चा हुई। कुछ दबाव बनाया जा सकता था लेकिन सरकार निर्देशों का पालन करवाने के सख्ती नहीं करना चाहती।
हालांकि, राज्य की एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि एक सीमा के बाद लोगों पर दबाव भी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, कि राज्य में श्रमिक वर्ग (कम आय समूह) काम पर जाना चाहता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के साथ भी यही स्थिति है। ये श्रम आधारित क्षेत्र हैं और हम लोगों को यात्रा से नहीं रोक सकते।
एक अन्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि साफ-सफाई व्यवहार और जीवन-शैली से जुड़ा मामला है। कार्यस्थल या कार्यालय जाने पर हर समय हाथ धोने के लिए कहने पर लोग चिढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा, हमने देखा है कि लोग एक से तीन सप्ताह तक कोविड-19 के संबंध में उचित व्यवहार अपनाते हैं और इसके बाद ढिलाई बरतने लगते हैं। इसी वक्त संक्रमित होने का खतरा रहता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने हाल में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को एक पत्र में इसी तरह के कारणों का उल्लेख किया था। उन्होंने पृथक-वास संबंधी नियमों का पालन नहीं करने वाले मरीजों की निगरानी की जरूरत को भी रेखांकित किया था। (भाषा)