नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण से मचे हाहाकार के बीच प्रधानमंत्री ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की है। मोदी ने कहा कि समाज कल्याण में लगे संगठन कोरोना वायरस से जुड़े अंधविश्वासों और गलत सूचना को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर लोग सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर विभिन्न जगहों पर इकट्ठा हो रहे हैं, इसलिए उन्हें सामाजिक दूरी के महत्व के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है ताकि घातक वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
समाज सेवा में लगे संगठनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए मूलभूत जरूरतों की व्यवस्था करने में वे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और रोगियों तथा जरूरतमंदों की सेवा में अपनी चिकित्सा सुविधाओं और स्वयंसेवियों को लगा सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में मोदी के हवाले से बताया गया कि देश ‘अभूतपूर्व संकट’ का सामना कर रहा है और उसे इन संगठनों और उनके संसाधनों की अभी बहुत जरूरत है।
मोदी ने कहा कि वायरस के संक्रमण से उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए देश को अल्प अवधि वाले उपाय और दीर्घ अवधि वाले दृष्टिकोण दोनों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, इन संगठनों की तीन विशिष्टताएं हैं- मानवीय दृष्टिकोण, व्यापक पहुंच और लोगों से जुड़ाव तथा सेवा करने की मानसिकता। इसलिए उन पर इतना विश्वास किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी कहा करते थे कि गरीबों और पिछड़ों की सेवा करना ही देश की सेवा करना है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने मानवता की सेवा में जुटे संगठनों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। (भाषा)