नई दिल्ली। वैज्ञानिकों का कहना है कि कैप्सूल आधारित एक नए गंध परीक्षण से गंध पहचानने की क्षमता खोने से संबंधित विभिन्न बीमारियों, जैसे कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 आदि के त्वरित निदान में मदद मिल सकती है।
जर्नल रॉयल सोसाइटी इंटरफेस में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक यह परीक्षण पार्किंसन बीमारियों के मरीजों पर भी करना आसान है और बड़ी आबादी में कोविड-19 के निदान में भी मददगार है। ब्रिटेन के क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया कि गंध परीक्षण में पार्किंसन और अल्जाइमर समेत तंत्रिका तंत्र संबंधी कुछ स्थितियों के निदान में मदद की भी क्षमता है।
उन्होंने कहा, हालांकि ये परीक्षण व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, महंगे हैं और सामान्य स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं में इन्हें देने में काफी वक्त लगता है। इस समस्या के समाधान के लिए दल ने एक नया गंध परीक्षण किट विकसित किया है जिसमें सुगंधित तेलों की खुशबू वाले कैप्सूलों को एक तरफ टेप वाली दो पट्टियों के बीच रखा जाता है।
गंध परीक्षण के लिए कैप्सूलों को उंगलियों और टेप की पट्टी के बीच तोड़ा जाता है जिससे कैप्सूल में भरी सामग्री बाहर आ जाती है। किसी व्यक्ति के इन खुशबुओं को पहचानने की क्षमता के आधार पर अंक तय किया जाता है अगर मरीज गंध हीनता का अनुभव करता है तो उसे चिकित्सकों को भेजा जा सकता है।
क्वीन मैरीज स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड मेटेरियल्स साइंस से मुख्य शोधकर्ता अहमद इस्माइल कहते हैं, हमारा कैप्सूल आधारित गंध परीक्षण गंध पहचानने की अक्षमता से जुड़े विभिन्न रोगों के त्वरित निदान में सहायता कर सकता है।इस्माइल ने कहा, इसमें पार्किंसन और अल्जाइमर बीमारियों के अलावा कोविड-19 भी शामिल हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वह गंध पहचानने की क्षमता को प्रभावित करती हैं।(भाषा)