नई दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 रोधी दोनों टीके 'कोवैक्सीन' और 'कोविशील्ड' कोरोनावायरस के ब्रिटेन और ब्राजील में मिले स्वरूपों के खिलाफ कारगर हैं और विषाणु के दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के खिलाफ कई प्रयोगशालाओं में काम जारी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि देश में अब तक 11,064 नमूनों की 'जीनोम सीक्वेंसिंग' की गई है जिनमें से 807 नमूनों में ब्रिटेन में मिले कोरोनावायरस का नया स्वरूप पाया गया, 47 नमूनों में वायरस का दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप मिला तथा 1 नमूने में वायरस का ब्राजीलियाई स्वरूप मिला।
उन्होंने कहा कि दोनों टीके- कोविशील्ड ओर कोवैक्सीन वायरस के ब्रिटेन और ब्राजील में मिले स्वरूप के खिलाफ कारगर हैं तथा दक्षिण अफ्रीका में मिले वायरस के स्वरूप के खिलाफ विभिन्न प्रयोगशालाओं में काम जारी है। संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि
वायरस का कोई भारतीय स्वरूप नहीं है। (भाषा)