इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रिसर्चर्स की एक स्टडी में कोविशील्ड वैक्सीन का एक डोज लेने वालों के 58.1 प्रतिशत लोगों के सीरम नमूनों में डेल्टा वेरिएंट (B1.617.2) के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी नहीं दिखी, वहीं दो डोज लेने वाले लोगों के 16.1 प्रतिशत सैंपल्स में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी नहीं मिली।
वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व हेड डॉ. जैकब जॉन ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि एंटीबॉडी नहीं दिखना और एंटीबॉडी नहीं होना, दोनों एक ही बात नहीं है, हो सकता है कि एंटीबॉडी हो, लेकिन वो इतनी कम हो कि उसे डिटेक्ट कर पाना मुश्किल हो, लेकिन उसके बाद भी ये व्यक्ति को गंभीर संक्रमण से बचा सकती है।