नई दिल्ली। कई विशेषज्ञ और राज्य सरकारें कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर केंद्र सरकार से 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है। सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
हालांकि सूत्रों ने यह नहीं बताया कि इस बारे में अंतिम फैसला हुआ है या नहीं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी बंद को बढ़ाने का कोई फैसला नहीं (लिया गया) है, कृपया अटकलें न लगाएं।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है जो 25 मार्च से शुरू हुआ था। कोविड-19 के कारण 183 देशों में 75,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 13.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।
सूत्रों ने बताया कि कई राज्य सरकारें और विशेषज्ञ केंद्र सरकार से लॉकडाउन बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। केंद्र सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है।
एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा था और आह्वान किया था कि वे थका हुआ और हारा हुआ महसूस न करें। उन्होंने विश्वास जताया था कि इस लड़ाई में भारत विजयी होकर उभरेगा।
सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने बंद को हटाए जाने के तौर-तरीकों पर चर्चा करते हुए स्पष्ट संकेत दिए थे कि एक बार में बंद को हटाए जाने की संभावना बेहद कम है।
एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से यह भी पूछा था कि इन पाबंदियों को क्षेत्रवार या जिलावार कैसे हटाया जाना चाहिए।
सामाजिक दूरी और बंद के कदम के साथ-साथ चलने पर जोर देते हुए मोदी ने मंत्रियों से यह भी कहा था कि वे ग्रामीण इलाकों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले संस्थानों में आरोग्य सेतु ऐप को भी लोकप्रिय बनाएं। कई मुख्यमंत्रियों ने कोरोना वायरस के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए बंद को बढ़ाए जाने की हिमायत की है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो उनकी सरकार बंद को बढ़ाएगी, जबकि राजस्थान के उनके समकक्ष अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य बंद का तत्काल वापस नहीं ले सकता और इसे चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
बंद के दो हफ्ते पूरे होने के अवसर पर उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने एक बयान में कहा कि लॉकडाउन का अगला एक सप्ताह उससे बाहर निकलने की रणनीति तय करने की दृष्टि से बड़ा अहम है क्योंकि कोरोना वायरस के फैलने के संबंध में प्राप्त आंकड़ों और अगले सप्ताह के दौरान उस की दर का सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णय पर असर होगा।
उन्होंने लोगों से अपील की कि आखिरकार सरकार जो भी निर्णय ले, उसका वे पालन करें और ‘यदि उसका तात्पर्य 14 अप्रैल के बाद भी कुछ हद तक कठिनाइयां जारी रहना हो, तो भी वे उसी जज्बे के साथ सहयोग करें जो अब तक नजर आया है।
सोमवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए बंद को बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।
उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने भी कहा कि बंद की मियाद अभी बाकी है और हम स्थिति की समीक्षा के बाद फैसला लेंगे।
कोविड-19 को लेकर क्योंकि अब तक कोई दवा नहीं है। ऐसे में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी ही एक जरिया है। लोगों को घरों में रखने के लिए लॉकडाउन को सबसे अच्छा रास्ता माना गया है।
ट्रेनों, बसों समेत सार्वजनिक परिवहन के जरिए अंतरराज्यीय यात्राएं प्रतिबंधित हैं और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानों पर भी पाबंदी है। (भाषा)