नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक नए अनुसंधान में पाया है कि सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को गंध महसूस नहीं होना, उनमें कोरोनावायरस (Coronavirus) की पहचान करने का श्रेष्ठ संकेत भी हो सकता है। जर्नल केमिकल सेंसेज में 2 नए अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों के नतीजे प्रकाशित किए गए हैं, जिसमें यह दावा किया गया है।
इसमें कहा गया है कि अक्सर कोविड-19 के मरीज गंध महसूस नहीं कर पाते हैं और यह लक्षण लंबे समय तक देखने को मिल सकते हैं। कुल 23 देशों के 4500 से अधिक कोविड-19 के मरीजों पर ये अध्ययन किए गए। अध्ययनों में यह पाया गया है कि 0-100 के मापक(स्केल) पर गंध महसूस नहीं होने की औसत माप 79.7 दर्ज की गई, जो इस संबंध में (गंध महसूस नहीं होने के) मजबूत संकेत देता है।
डेनमार्क के आरहस विश्वविद्यालय के अलेक्जेंडर विक फजेलस्टैड ने कहा, इससे यह पता चलता है कि इस लक्षण के बारे में अवगत होना कितना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रोग का एकमात्र लक्षण हो सकता है।अनुसंधान में यह पाया गया कि सिर्फ आधे मरीजों की ही गंध महसूस करने की क्षमता 40 दिनों के बाद वापस आ सकी।
उन्होंने कहा, यह अन्य वायरस संक्रमण वाले रोगों से इस रोग को अलग करता है और यह मरीजों के लिए दीर्घकालीन समस्या पैदा करता है। वैज्ञानिकों ने अनुसंधान में शामिल किए गए मरीजों के स्वाद महसूस करने में भी कमी दर्ज की। नए अध्ययन में दुनियाभर के देशों से कहीं अधिक मात्रा में आंकड़े एकत्र किए गए हैं।(भाषा)