नई दिल्ली। अब भारत में भी ओमिक्रॉन का कहर बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप और उसके उपस्वरूपों से संक्रमण के सबसे अधिक मामले आ रहे हैं जबकि कुछ मामले अत्यधिक संक्रामक बीए.2.75 उपस्वरूप के भी पाए गए हैं। 'इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम' (आईएनएसएसीओजी) ने यह जानकारी दी।
उसने 11 जुलाई के अपने बुलेटिन में कहा कि बीए.2.75 उप-स्वरूप के प्रसार पर हर राज्य में करीबी नजर रखी जा रही है। यह बुलेटिन सोमवार को जारी किया गया। आईएनएसएसीओजी ने कहा कि इस दौरान अस्पताल में भर्ती होने वाले या गंभीर रूप से बीमार मरीजों की संख्या में वृद्धि नहीं देखी गई।
बुलेटिन में कहा गया है कि भारत में ओमिक्रॉन और उसके उपस्वरूपों के सबसे अधिक मामले आ रहे हैं और ज्यादातर बीए.2 और बीए.2.38 उप-स्वरूप के मामले पाए गए हैं। उसने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं और इनमें से सबसे अधिक मामले ओमिक्रॉन के उप-स्वरूप बीए.2 (64.9 फीसदी) और बीए.2.38 (26.4 फीसदी) के हैं।
उसने कहा कि बीए.5 स्वरूप से संक्रमित मरीजों की संख्या में भी मामूली वृद्धि हुई है। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने वाले या गंभीर रूप से बीमार पाए जाने की कोई रिपोर्ट नहीं है। संक्रमण के किसी भी नए प्रसार को कम करने के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत में कोविड-19 के स्वरूपों और जीनोम अनुक्रमण पर नजर रखने तथा उनका अध्ययन करने के लिए 2020 में स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आईएनएसएसीओजी का गठन किया गया था।(भाषा)