नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोनावायरस (CoronaVirus) रोधी टीके लगाने की संख्या शनिवार को 1 करोड़ से अधिक हो गई और महानगर में पात्र आबादी के 50 प्रतिशत को टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है। यह जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि महानगर में और टीके जल्द उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की आबादी करीब 2 करोड़ है और उनमें से 1.50 करोड़ लोग कोविड-19 का टीका लगवाने के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कि 1.50 करोड़ पात्र आबादी में से 74 लाख लोगों को टीका लग चुका है। इसलिए 50 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक खुराक टीका दी जा चुकी है। इन 74 लाख लोगों में से 26 लाख को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से दिल्ली में लगाए गए खुराक की संख्या आज 1 करोड़ से अधिक हो गई।
1 करोड़ से अधिक खुराक लगाने के लिए चिकित्साकर्मियों को बधाई देते हुए केजरीवाल ने कहा कि टीके की काफी किल्लत थी जिस कारण टीकाकरण अभियान तेज नहीं किया जा सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास रोजाना तीन लाख टीका लगाने की क्षमता थी। लेकिन टीके की कमी के कारण प्रतिदिन 50 हजार से 80 हजार लोगों को टीका लगाया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र के नियमित संपर्क में है और उम्मीद जताई कि देश के अन्य हिस्सों के साथ यहां भी पर्याप्त संख्या में टीके उपलब्ध होंगे।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 1 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार करने पर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली ने आज एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। करीब 50 प्रतिशत पात्र आबादी का टीकाकरण हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने 74 लाख लोगों को 1 करोड़ से अधिक खुराक लगाई है। इनमें 26 लाख लोगों को दोनों खुराक दी गई है। दिल्ली सरकार द्वारा शनिवार को जारी टीकाकरण बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली को अभी तक कोवैक्सीन की 24,74,850 खुराक और कोविशील्ड की 73,18,070 खुराक हासिल हुई है।
केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को टीका लगवाने के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि अगर आपने अभी तक टीका नहीं लगवाया है, तो आप भी जरूर निकटतम टीकाकरण केंद्र में जाकर टीका लगाइएगा। उन्होंने कहा कि एक तरह से हमारे पास दो चुनौतियां हैं। पहली चुनौती यह है कि दिल्ली में बाकी जो जनसंख्या बची है, जिनको अभी एक भी टीका नहीं लगा है, उनको टीका लगाना है। दूसरी चुनौती यह है कि अभी तक जिन लोगों को दूसरा टीका नहीं लग पाया है, उन सभी लोगों को दूसरा टीका लगाना है।