नई दिल्ली। ओमिक्रॉन के सबवैरिएंट ओमिक्रॉन BA.2 को लेकर दुनियाभर चिंता दिखाई दे रही है। यह भारत, फ्रांस, डेनमार्क समेत करीब 40 देशों में दस्तक दे चुका है। इसमें लोगों को संक्रमित करने की क्षमता बेहद अधिक है।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने इसे वैरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन श्रेणी में रखा है, इसके बारे में गहन जांच की जा रही है। यहां सिक्वेंसिंग के जरिए इसके 426 मामले सामने आ रहे हैं। यह भी पता चला है कि नया वैरिएंट ओमिक्रॉन BA.1 की तरह वैसे म्यूटेशन नहीं रखता, जिससे इसे डेल्टा से अलग पहचाना जा सके।
डेनमार्क के अध्ययनकर्ताओं ने आशंका जताई है कि नए वैरिएंट की वजह से ओमिक्रॉन वायरस से बढ़ रही महामारी के दो अलग-अलग पीक आ सकते हैं। इस बीच जॉन हॉपकिन्स में विषाणु विज्ञानी ब्रायन जेले ने आशंका जताई कि ओमिक्रॉन BA.2 फ्रांस और डेनमार्क के बाहर पूरे यूरोप व उत्तरी अमेरिका में महामारी और बढ़ा सकता है।
ओमिक्रॉन BA.2 के सबसे ज्यादा मामले डेनमार्क में सामने आए हैं। जनवरी के दूसरे हफ्ते में 45 फीसदी मामले ओमिक्रॉन बीए.2 के होने की आशंका है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ओमिक्रॉन को कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों में सबसे खतरनाक माना जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर को इसे चिंताजनक स्वरूप बताते हुए ओमिक्रॉन नाम दिया था।