गुवाहाटी। कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान असम चाय बगान को 500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने आज यहां जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चाय उद्योग राज्य का सबसे बड़ा उद्योग है और नए सत्र की शुरुआत के दौरान लॉकडाउन हो गया जिससे चाय उद्योग पर भारी असर पड़ा है क्योंकि उनकी प्रमुख उत्पादन अवधि प्रभावित हुई है। पटवारी ने कहा कि 2019 में भारत में चाय का उत्पादन 1389.70 मिलियन किलोग्राम था, जिसमें से अकेले असम में 715.49 मिलियन किलोग्राम का उत्पादन हुआ।
यह भारत में कुल चाय उत्पादन का 51.51 प्रतिशत था। लॉकडाउन के दौरान बड़े चाय बागानों और छोटे चाय बागानों को मिलाकर असम में चाय के उत्पादन में कुल गिरावट का अनुमान 3.2 करोड़ किलोग्राम है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपए से अधिक है।
उन्होंने कहा कि चाय उत्पादकों को थोड़ी राहत देने के लिए मुख्यमंत्री ने पहले ही लॉकडाउन की अवधि के दौरान बंद पड़े चाय बागानों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए न्यूनतम फिक्स्ड चार्ज की छूट की घोषणा कर दी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सभी 783 बड़े चाय बागानों और 1.18 लाख छोटे चाय बागानों को फिर से खोल दिया गया है।
इसके अलावा, 508 चाय कारखानों को कार्य करने की अनुमति दी गई है। कुल मिलाकर 7.33 लाख श्रमिक बड़े चाय बागानों में लगे हुए हैं और लगभग 3 लाख श्रमिक छोटे चाय बागानों में काम कर रहे हैं।
पटवारी ने कहा कि चाय बागानों में कोविड-19 दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभाग के अधिकारी नियमित दौरे कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि असम चाय निगम लिमिटेड (एटीसीएल) के सभी 15 उद्यानों और कारखानों को पूरी क्षमता से काम करने की अनुमति दी गई है और राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान एटीसीएल के सभी 16,720 श्रमिकों और कर्मचारियों को पूर्ण मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया है। (वार्ता)