भोपाल/सागर। मध्यप्रदेश के भोपाल में उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद की 15 दिन की प्री-मैच्योर बेबी (समय से पूर्व जन्मने वाली बच्ची) एवं सागर में 104 साल की महिला ने कोरोनावायरस से जंग जीत ली है। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गुरुवार को भोपाल स्थित निजी पीपुल्स अस्पताल पहुंचकर कोरोना से ठीक हुई 15 दिन की इस प्री-मैच्योर बेबी से मिले। यह बच्ची उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद की रहवासी है और आज गुरुवार को वह अपने पिता के साथ घर वापस लौटेगी।
सारंग ने मीडिया से कहा कि आज हमारे लिए यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि हमारी सरकार से अनुबंधित पीपुल्स मेडिकल कॉलेज से यह बच्ची छुट्टी मिलने के बाद जा रही है, जो इलाहाबाद की रहने वाली है। उसकी मां गर्भवती थी और वहां (इलाहाबाद) उसको इलाज नहीं मिला और उसके परिजन उसे यहां लेकर आए। मां की तबीयत ज्यादा खराब थी। उसको बहुत ही सीवियर निमोनिया था। उसका सीटी स्कोर 23 था और कोरोना संक्रमित थी। उसकी मां तो नहीं बच पाई, परंतु यहां के डॉक्टरों ने सर्जरी के माध्यम से बेटी को बचाया। दुर्भाग्य से वह बच्ची भी कोरोना संक्रमित थी और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मेहनत की और वह बच्ची अब कोरोनावायरस से उबर चुकी है।उसकी रिपोर्ट अब निगेटिव आ गई।
सारंग ने कहा कि आज वह (15 दिन की बच्ची) अपने पिता के साथ इलाहाबाद अपने घर जा रही है। उन्होंने कहा कि ये हमारी मध्यप्रदेश सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है कि कोरोनावायरस महामारी की इस भीषण समस्या के बीच प्रदेश के बाहर के लोगों को भी जरूरत पड़ी तो हमने इलाज मुहैया कराया। उसका जीता-जागता उदाहरण यह बच्ची है। यह बच्ची स्वस्थ हो गई, यह हमारे लिए बहुत ही खुशी का पल है। आज वह छुट्टी मिलने के बाद जा रही
है। मैं उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
मध्यप्रदेश के सागर के भाग्योदय चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल में बीना निवासी सुंदर बाई जैन (104) महज 10 दिनों में कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ्य हो गई हैं। आधार कार्ड के अनुसार उसका जन्मदिन 19 मई 1917 है। इस महिला का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. सौरभ जैन ने बताया कि 10 मई को कोरोना पीड़िता सुंदर बाई जैन को हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और लगभग 10 दिन के इलाज के बाद वह पूर्णत: स्वस्थ हो गईं।
उन्होंने कहा कि सुंदर बाई ने इलाज में सभी को सहयोग दिया। गुरुवार दोपहर उनकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई और उनके परिजन उन्हें बीना ले गए हैं। जैन ने बताया कि इस महिला को जब भर्ती कराया गया था, उस समय वह काफी कमजोर लग रही थीं लेकिन उपचार शुरू होने के बाद जल्दी ही उनकी सेहत में सुधार आने लगा। इसकी एक बड़ी वजह मरीज का मानसिक रूप से काफी मजबूत एवं शारीरिक रूप से सक्रिय होना रहा। उन्होंने कहा कि सुंदर बाई को उम्र से जुडीं समस्याएं के रहते हुए भी जल्दी ठीक होना भी एक काफी सकारात्मक पहलू है।
जैन ने कहा कि इस महिला की सक्रियता भर्ती किए जाने के 5 दिन बाद से ही काफी बढ़ गई थी। वे खूब बातचीत भी करने लगीं। पिछले 3 दिनों से वह घर जाने के लिए बेसब्र भी हो रही थीं। (भाषा)