नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के खिलाफ लोगों की जानें बचाने के लिए चिकित्सीय ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों के परिवहन में लगने वाले समय को कम करने के लिए रेलवे और वायुसेना की मदद ली जा रही है। उन्होंने सभी राज्यों से साथ मिलकर काम करने और जीवनरक्षक दवाइयों तथा ऑक्सीजन संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे से सहयोग करने का आग्रह किया।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों को पूरे सहयोग का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हम एक राष्ट्र के रूप में काम करेंगे तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होगा। कोविड-19 की ताजा लहर में सबसे अधिक प्रभावित 10 राज्यों और केंद्र शासित दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर महामारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान संयुक्त प्रयासों और संयुक्त रणनीति से भारत ने संक्रमण से सफलता पाई थी और इसी सिद्धांत पर काम करते हुए ताजा लहर से भी मुकाबला किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर कई राज्यों के अस्पतालों ने ऑक्सीजन आपूर्ति में कमी का हवाला देते हुए सरकार से ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने और इसकी पर्याप्त आपूर्ति की मांग की है। कुछ राज्यों से दवाई की कमी के मामले भी सामने आए हैं। मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की पिछले पांच सप्ताह के भीतर यह तीसरी बैठक थी। ऑक्सीजन की कमी के मद्देनजर भी प्रधानमंत्री तमाम हितधारकों से लगातार चर्चा कर रहे हैं।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा कि वायरस इस बार कई राज्यों के साथ ही टीयर-2 और टीयर-3 शहरों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने इस महामारी से लड़ाई के लिए साथ मिलकर काम करने और सामूहिक शक्ति से मुकाबला करने का आह्वान किया।
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस लड़ाई में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों से लगातार संपर्क बनाए हुए है और वस्तुस्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है तथा साथ ही समय-समय पर उन्हें आवश्यक सलाह भी दे रहा है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में राज्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी आपूर्ति बढ़ाए जाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग और मंत्रालय इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले ऑक्सीजन का भी चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से विभिन्न अस्पतालों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध गति से पहुंचाने के लिए एक उच्चस्तरीय समन्वय समिति गठित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस समिति को यह सुनिश्चित करना होगा कि जैसे ही केंद्र से ऑक्सीजन का आवंटन हो, उसे राज्य के अस्पतालों में जरूरत के अनुकूल तत्काल पहुंचाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही में लगने वाले समय को कम करने के लिए हरसंभव विकल्पों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, इसके लिए रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की है। खाली ऑक्सीजन टैंकरों को वायुसेना की मदद से ले जाया जा रहा है ताकि परिवहन के समय में कमी आए। उन्होंने कहा कि संसाधनों को उन्नत करने के साथ ही राज्यों को जांच पर ध्यान केंद्रित करना है।
प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से साथ मिलकर काम करने और दवाइयों तथा ऑक्सीजन संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे से सहयोग करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने राज्यों से ऑक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नकेल कसने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, अगर हम एक राष्ट्र के तौर पर काम करेंगे तो संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के बावजूद टीकाकरण की रफ्तार कम नहीं होनी चाहिए। उन्होंने हाल के दिनों में अस्पतालों में ऑक्सजीन की लीकेज और आग लगने की घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि अस्पताल प्रशासन को सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि वह इस महामारी के खिलाफ लोगों को जागरूक करे ताकि भय का माहौल ना बने।
बैठक के दौरान नीति आयोग के वीके पॉल ने एक प्रस्तुति दी जिसमें संक्रमण को रोकने की तैयारियों को रेखांकित किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश में कोरोना महामारी लगातार भयावह रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर ऑक्सीजन तक की कमी के मामले सामने आ रहे हैं।
बैठक में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित कुछ अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्रियों से संवाद करने से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह नौ बजे एक आंतरिक बैठक की जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।प्रधानमंत्री ने अपराह्न 12.30 बजे देश के अग्रणी ऑक्सीजन निर्माताओं से भी बातचीत की।
देश में शुक्रवार को एक दिन में रिकॉर्ड 3,32,730 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,62,63,695 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार तक के आंकड़ों के मुताबिक 24 लाख से अधिक लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं जबकि 2,263 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 1,86,920 पर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में देश में दर्ज कोविड-19 के मामलों में 75.01 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान से हैं।
महाराष्ट्र में संक्रमण के सबसे अधिक रोजाना के मामले 67,013 दर्ज किए गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 34,254 मामले जबकि केरल में संक्रमण के 26,995 नए मामले दर्ज किए गए। दिल्ली और 11 राज्य- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल में संक्रमण के रोजाना के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है।(भाषा)