जयपुर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में दूसरे राज्यों एवं अन्य जिलों से आए क्वारंटाइन किए गए नागरिकों को कोविड-19 राजस्थान ऐप इंस्टॉल करके प्रतिदिन अपनी सूचना ऐप पर देनी होगी।जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने आज बताया कि कोरोना वायरस (Corona virus) के प्रकोप के विस्तार को नियंत्रित करने के लिए जिले में बाहर से आए व्यक्तियों को ए, बी, सी श्रेणियों की कैटेगरी के अनुसार क्वारंटाइन किया जा रहा है।
सात मार्च के बाद जिले में आए समस्त क्वारंटाइन किए गए व्यक्तियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने मोबाइल में कोविड-19 राजस्थान ऐप इंस्टॉल करें। नकाते ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान श्रीगंगानगर शहर के नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य और दवाइयों के लिए आमजन को बाहर न जाना पड़े और सामान्य बीमारी के लिए घर से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श मिल सके, यह सुनिश्चित करने के लिए यह ऐप बनाया गया है।
कोरोना संक्रमित 24 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे : राजस्थान में सरहदी जैसलमेर जिले के पोकरण में कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के दल ने पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों के सैंपल जांच के लिए जोधपुर भिजवा दिए हैं।
खंड चिकित्सा अधिकारी पोकरण डॉ. लांग मोहम्मद ने बताया कि कोरोना संक्रमित के संपर्क में लोगों को चिन्हित करके सूची तैयार की जा रही है। उसके 24 परिजनों के खून के दो-दो नमूने जांच के लिए कल देर रात को ही भेज दिए। साथ ही उसके और संपर्कों का पता किया जा रहा है।
सीमा सील होने के बावजूद हजारों लोग चित्तौड़गढ़ आए : चित्तौड़गढ़ जिले की संपूर्ण सीमा सील किए जाने के बावजूद तीन हजार से अधिक लोग गुजरात एवं महाराष्ट्र से बिना जानकारी में आए यहां प्रवेश कर गए, जिससे यहां कोरोना संक्रमण की आशंका उत्पन्न हो गई है।
जिले में गत 31 मार्च की आधी रात के बाद प्रशासन ने जिले में प्रवेश के संपूर्ण रास्तों को सील कर दिया और इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा घर-घर किए जा रहे सर्वे के अनुसार, जिले के 11 उपखंड क्षेत्रों में 31 मार्च की आधी रात के बाद से तीन अप्रैल तक 3270 लोग अपने घर लौट आए जो गुजरात एवं महाराष्ट्र में काम-धंधा करते थे और अब यहां आ गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि यह रिपोर्ट केवल तीन दिनों की ही है जबकि अब भी गुजरात और महाराष्ट्र से इन कामगारों का चोरी-छिपे अपने घरों तक आना जारी है। एक अनुमान के अनुसार अब तक करीब दस हजार लोग यहां आ चुके हैं। महाराष्ट्र से अब तक आने वालों में प्रमुख रूप से पुणे जिले से आए हैं जहां पर सर्वाधिक कोरोना पीड़ित पाए गए हैं, इनमें भी जिले के राशमी उपखंड क्षेत्र के लोग हैं जिनकी कुल संख्या 935 है। इनमें खांसी, बुखार आदि से पीड़ितों की संख्या 246 है, से सभी लोग वहां पर आइसक्रीम की लॉरियां लगाते हैं वहीं बड़ीसादड़ी एवं डूंगला क्षेत्र में आए लोग वहां मजदूरी करते रहे हैं।
तीन दिन की सर्वे रिपोर्ट को ही मानें तो इन 3270 लोगों में से 540 लोग सर्दी, खांसी, बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ से पीड़ित है, हालांकि इनको होम कोरंटाइन किया गया है लेकिन हालात बता रहे हैं कि सीमा पर एवं सीमा के भीतर जिला प्रशासन बाहरी श्रमिकों की आवाजाही रोकने में पूर्णतः असफल साबित हो रहा है, जिसके चलते रविवार को भी कुछ लोग नासिक से पैदल आते हुए यहां पकड़ में आए तो सुबह भी मध्यप्रदेश के इंदौर से आए लोगों को पुलिस ने शहर में पकड़ा है।
सूत्रों ने बताया कि जिले में प्रशासन के संपूर्ण लॉकडाउन के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे हैं और सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक आवश्यक सामग्री की दुकानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करते हुए भारी भीड़ उमड़ रही है। जिले में पेट्रोल पंप पर सुबह आठ बजे से पांच बजे तक ही आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों पर पेट्रोल-डीजल भरने का आदेश है, लेकिन यहां भी रात आठ बजे तक भी हर किसी को पेट्रोल-डीजल भरवाते देखा जा सकता है।