लंदन। कोरोनावायरस से संक्रमित रहे ज्यादातर लोग कम से कम 6 महीने तक दोबारा इसकी चपेट में नहीं आते हैं, लेकिन 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग मरीजों के फिर से संक्रमित होने का कहीं अधिक खतरा है। 'द लांसेट' जर्नल के एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
डेनमार्क के स्टेटेंस सीरम इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने देश की राष्ट्रीय कोविड-19 जांच रणनीति के तहत आंकड़े एकत्र किए। इसके जरिए 2020 में दो-तिहाई आबादी की जांच की गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने की कहीं अधिक आशंका होने का पता चला।
अध्ययन के तहत वैज्ञानिकों ने उम्र एवं लैंगिक आधार पर और संक्रमण के समय में अंतर पर गौर करते हुए पॉजिटिव और नेगेटिव जांच परिणामों के अनुपात का आकलन किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन के नतीजे महामारी के दौरान बुजुर्ग आबादी की सुरक्षा के लिए उपाय किए जाने का महत्व बताते हैं। (भाषा)