नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राहतभरी खबर दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अधिकतम स्तर पर पहुंच चुकी है और विशेषज्ञ संकेत दे रहे हैं कि संक्रमण के मामलों में आने वाले दिनों में कमी आएगी।
केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार उम्मीद करती है कि उसके द्वारा उठाए गए कदमों के चलते कोविड-19 के मामलों में ‘धीरे-धीरे’ कमी आएगी। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
केजरीवाल ने कहा कि सभी विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में आई (कोरोनावायरस की) दूसरी लहर अधिकतम स्तर पर पहुंच चुकी है। अब आने वाले दिनों में मामलों में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से 17 अगस्त के बीच शहर में कोविड-19 के मामले कुल मिलाकर नियंत्रण में रहे और प्रतिदिन औसतन 1,100-1,200 नए मामले सामने आ रहे थे।
उन्होंने कहा कि 17 अगस्त से मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई और यह 1,100 से 1,500 हो गये। एक जिम्मेदार सरकार के तौर पर हमने कोई जोखिम नहीं लिया और तत्काल जांच को प्रतिदिन करीब 20 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया।
कोरोनावायरस को हराने का सर्वश्रेष्ठ तरीका तेजी से जांच करना और संक्रमितों का पता लगाकर उन्हें पृथक करना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोनावायरस के मामले बढ़े हैं क्योंकि जांच में काफी बढ़ोतरी की गई है। 16 सितंबर को प्रतिदिन मामले करीब 4,500 थे जो अब कम होने शुरू हो गए हैं और अब प्रतिदिन करीब 3,700 मामले सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री के अनुसार यदि जांच को कम करके पूर्ववर्ती स्तर 20 हजार (प्रतिदिन) पर ला दिया गया होता तो मामले भी शहर में प्रतिदिन कम होकर करीब 1500 प्रतिदिन हो गए होते।
केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा शहर में अगस्त के मध्य में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या 550 से बढ़ाकर अब 2,000 करने सहित अन्य कदमों के फलस्वरूप आने वाले दिनों में कोविड-19 के मामलों में धीरे-धीरे कमी आएगी।
बुधवार को दिल्ली में कोविड-19 के 3,714 नए मामले सामने आए थे जिससे शहर में इसके कुल मामले बढ़कर 2.56 लाख से अधिक हो गए, वहीं मृतक संख्या बढ़कर 5,087 हो गई।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को जारी बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में 60,000 से अधिक जांच की गई। बुधवार की स्थिति के अनुसार दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 30,836 थी।