नई दिल्ली, कोविड-19 के प्रकोप से लोग इतने डरे हुए हैं कि हलके लक्षणों के उभरने से भी वे कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होने की आशंका से घिर जाते हैं।
ऐसी स्थिति से जूझ रहे लोगों के मन में कई शंकाएं उभरने लगती हैं। लेकिन, अब घर बैठे कोरोना संक्रमण से जुड़ी इन आशंकाओं का समाधान मिल सकता है। पुणे की कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन्स द्वारा विकसित सेल्फ यूज रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट्स) किट इसमें मददगार हो सकती है। कोविसेल्फ नामक इस टेस्ट की मदद से घर बैठे घर पर ही कोरोना संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को इस किट के उपयोग को मंजूरी दे दी है।
स्वदेशी तकनीक से विकसित कोविसेल्फ किट मुख्य रूप से घर में टेस्टिंग के लिए बनायी गई है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकती है, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण उभरते देखे गए हों, या फिर जो लोग लैब टेस्टेड कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए हों।
आईसीएमआर द्वारा जारी एडवाइजरी में इन बातों को स्पष्ट किया गया है। एडवाइजरी में उल्लेख किया गया है कि इस टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों को वास्तविक रूप से पॉजिटिव माना जाना चाहिए। वहीं, जिन लोगों में सिंप्टोमेटिक लक्षण उभरें, वे अपनी आरटी-पीसीआर जांच अवश्य कराएं, क्योंकि रैट्स में कम वायरल लोड के चलते कुछ पहलुओं के अनदेखी होने की आशंका बनी रहती है।
इसमें यूजर्स को यह सलाह दी गई है कि वे टेस्ट प्रक्रिया को पूरा करने के बाद टेस्ट स्ट्रिप की उसी मोबाइल से तस्वीर खींचें, जिस मोबाइल का उन्होंने ऐप और यूजर रजिस्ट्रेशन में इस्तेमाल किया हो। उनका यह डेटा आईसीएमआर कोविड-19 टेस्टिंग पोर्टल के सुरक्षित सर्वर से जुड़ जाएगा।
कोविसेल्फ विकसित करने वाली कंपनी का कहना है कि मिड नेजल स्वैब के जरिये टेस्ट का परिणाम 15 मिनट के भीतर आ जाएगा।
कंपनी का मानना है इस सेल्फ यूज रैपिड टेस्ट से न केवल कोविड-19 मरीजों की पहचान करने में तेजी आएगी, बल्कि यह संक्रमण की दर को भी कम करने में अहम भूमिका निभाएगा, क्योंकि जितनी जल्दी लोगों को अपने संक्रमण के बारे में पता चलेगा, वे उतनी ही शीघ्रता से एकांत में रहकर अपनी आवाजाही सीमित करेंगे। साथ ही, अपना इलाज भी जल्दी शुरू करने की स्थिति में रहेंगे।
मायलैब के प्रबंध निदेशक हंसमुख रावल ने कहा है कि “हमारे देश ने इससे पहले कभी इतना बड़ा संकट नहीं झेला है। वर्तमान स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए हमने यह अनुभव किया कि हमारे देश की क्या आवश्यकता है, और सामाजिक लाभ को मूल में रखते हुए ही हमने यह समाधान तलाशा है। कोविसेल्फ के जरिये हम लोगों को जल्दी टेस्ट कराने की ताकत प्रदान कर रहे हैं। इससे हजारों जिंदगियां बचेंगी। अमेरिका की तुलना में हम बहुत ही मामूली कीमत पर यहां ऐसी किट बनाने में सक्षम होंगे।”
कई पश्चिमी देशों में सेल्फ टेस्टिंग को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं। भारत में भी यही अनुमान है कि इस सेल्फ टेस्ट किट से संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। (इंडिया साइंस वायर)