मुंबई। कोरोना काल में संकट में फंसे प्रवासी मजदूरों की अभिनेता सोनू सूद ने उनके घर जाने में सहायता की। सोनू सूद के इस कार्य की खूब प्रशंसा हुई, वहीं शिवसेना ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को आश्चर्य व्यक्त किया कि कहीं लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे उत्तर भारतीय प्रवासियों को 'सहायता की पेशकश' करने के पीछे अभिनेता सोनू सूद को भाजपा का अंदरूनी तौर पर समर्थन हासिल तो नहीं था? इस राजनीतिक मकसद के साथ कि राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को बदनाम किया जा सके।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे अपने साप्ताहिक कॉलम में राउत ने लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के सामाजिक परिदृश्य में अचानक 'महात्मा' सूद के सामने आने को लेकर सवाल खड़ा किया।
उन्होंने 2019 के आम चुनाव से पहले सामने आए सूद के एक स्टिंग ऑपरेशन का भी हवाला देते हुए कहा कि वे भाजपा नीत सरकार के कार्यों को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया खातों के जरिए विभिन्न प्लेटफॉर्म पर प्रचार के लिए तैयार थे।
मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए बसों का इंतजाम करने की खबरों के बाद शिवसेना ने उन पर निशाना साधा है।
राउत ने कहा कि सूद एक अभिनेता हैं जिनका पेशा दूसरों की लिखी पटकथा पर संवाद बोलना है और इससे आजीविका कमाना है। यहां सूद जैसे तमाम लोग हैं जोकि अच्छा भुगतान होने पर किसी भी राजनीतिक दल का प्रचार करेंगे।
शिवसेना के राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि भाजपा ने सोनू सूद को गोद लिया (राजनीतिक रूप से) और उत्तर भारतीय प्रवासी मजदूरों के बीच प्रभाव बनाने का प्रयास किया। (भाषा)