आंध्रप्रदेश में कोरोनावायरस से हो रही मौतों को वायरस के नए वैरिएंट N440K से जोड़कर देखा जा रहा है। इसे तुलनात्मक रूप से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। राज्य के पूर्व मुख्यंमत्री एन. चंद्रबाबू ने भी आरोप लगाया है कि नया वैरिएंट राज्य में प्रवेश कर गया है, इसके चलते ही ज्यादा मौतें हो रही हैं।
दूसरी ओर, आंध्रप्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अनिल सिंघल ने स्पष्ट किया कि आंध्रप्रदेश में कोरोना का कोई भी नया वैरिएंट सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि N440K वैरिएंट का जुलाई 2020 सीसीएमबी के साइंटिस्टों ने खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण मृतकों की संख्या बढ़ी है। नए स्ट्रेन से इसका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने नए वैरिएंट से मौत की खबरों को दुष्प्रचार बताया है।
15 गुना ज्यादा संक्रामक : कोरोना का नया स्ट्रेन N-440K, 10 गुणा अधिक फैलने की क्षमता है। सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मोलेक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट N-440K का पता लगाया है। यह दुनिया में फैले कोरोना वायरस के मुकाबले 15 गुणा अधिक तेजी के साथ फैलता है और यह उसके मुकाबले कहीं ज्यादा खतरनाक है।
यह B1.617 और B1.618 के बाद आया नया वेरिएंट है। सबसे पहले इसका पता आंध्रप्रदेश के कुरनूल में चला था। विशाखापट्टनम और राज्य के अन्य हिस्से में लोगों के बीच जो खौफ पैदा हुआ था, उसका कारण यह वैरिएंट हो सकता है।
सीसीएमबी के वैज्ञानिकों ने यह बताया कि कई केन्द्रों से उन्होंने जो नमूने इकट्ठा किया है उनमें से 50 प्रतिशत में कोरोना का N440k वेरिएंट पाया गया है। इसमें यह भी पता चला कि यह वायरस आबादी के एक खास हिस्से में फैल रहा है और अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले कहीं यह ज्यादा स्थानीय है। द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुरनूल में खोजा गया स्ट्रेन पहले की तुलना में कम से कम 15 गुना अधिक वायरल माना जाता है, और यह बी -1.617 और बी 1.618 के भारतीय वैरिएंट से भी ज्यादा शक्तिशाली है।
कोरोना का A2a प्रोटोटाइप स्ट्रेन दुनियाभर में फैला हुआ है। ऐसे में अन्य वायरस की तुलना में कोरोना के N440k वेरिएंट कम समय में कई गुणा अधिक वायरस पैदा करने की क्षमता रखता है। CCMB के डायरेक्टर डॉक्टर राकेश मिश्रा के मुताबिक कोरोना के बदले हुए स्वरूप N440K वेरिएंट में काफी कम समय में कई गुणा ज्यादा मात्रा में वायरस को फैलाने की क्षमता है।