भोपाल। मध्यप्रदेश में आज से गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण ऑनसाइट पंजीयन के माध्यम से किया जाएगा। टीकाकरण प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होगा। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश के गर्भवती महिलाओं की संख्या करीब 20 लाख के आसपास है जिनको आज से कोरोना की स्वदेशी कोवैक्सीन लगाई जाएगी।
लंबे इंतजार के बाद गर्भवती महिलाओं को होने जा रहे वैक्सीनेशन को लेकर गर्भवती महिलाओं के मन में कई सवाल है। ''वेबदुनिया ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पल्लवी अग्रवाल से गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन से जुड़े हर सवाल को समझने की कोशिश की।
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन क्यों जरुरी?–वेबदुनिया से बातचीत में डॉक्टर पल्लवी अग्रवाल कहती हैं कि गर्भवती महिलाओं में पहले से कई प्रकार के हेल्थ संबंधी कॉम्प्लिकेशन होते है ऐसे में अगर गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण के चपेट में आ जाती है और उसका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है तो इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपनी और बच्चे की सुरक्षा के लिए वैक्सीन जरुरी लगवानी चाहिए।
गर्भवती महिला के लिए वैक्सीन कितनी सुरक्षित?-हाईरिस्क प्रेग्नेंसी एक्सपर्ट डॉक्टर पल्लवी अग्रवाल कहती हैं कि कोरोना वैक्सीन गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। वह महत्वपूर्ण बात कहती हैं कि गर्भवती महिला में एक वैक्सीन दो जान को सुरक्षित करती है। इस तरह एक वैक्सीन से गर्भवती महिला और उसके बच्चे दोनों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षा मिलती है। वैक्सीन को लेकर कोई भ्रम नहीं रखे।
गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन पहले क्यों नहीं?- डॉक्टर पल्लवी अग्रवाल कहती हैं कि जब भी कोई वैक्सीन या दवा आती है तो उसके बहुत सारे परीक्षण अलग-अलग लोगों और अलग-अलग आयु वर्ग में होते है। भारत में कोरोना वैक्सीन का गर्भवती महिलाओं पर अब ट्रायल पूरा होने के बाद वैक्सीन को मंजूरी मिली है। ट्रायल में वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के पूरी तरह सुरक्षित मिली है।
वैक्सीन का स्तनपान कराने पर पड़ेगा असर?- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बच्चे को फींडिग कराने वाली महिला वैक्सीन लेने के पहले और तुरंत बाद बच्चे को फींडिग करवा सकती है। वैक्सीन लेने से मां के दूध पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं स्तनपान कराने वाली महिलाएं बच्चे को खिलाते समय अपने एंटीबॉडी को पास कर सकती हैं।