नई दिल्ली। कोरोनावायरस की तीसरी लहर से सबसे अधिक बच्चों को खतरा बताया जा रहा है। इस बीच भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को भाजपा संसदीय की बैठक में इस बात के संकेत दिए कि भारत में बच्चों के लिए वैक्सीन अगस्त में आ सकती है। जानिए दुनिया और भारत की कौनसी कंपनियां बच्चों के लिए कोरोनावायरस की वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं-
भारत बायोटेक : भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है और सितंबर तक नतीजे आने की उम्मीद है। दिल्ली एम्स में 6-12 साल की उम्र के बच्चों को कोवैक्सीन की दूसरी खुराक पहले ही दी जा चुकी है।
फाइजर : फाइजर ने अपने टीके का ट्रायल 12 साल के कम उम्र के बच्चों पर भी शुरू कर दिया है। पहले चरण की स्टडी में कम संख्या में छोटे बच्चों को वैक्सीन की अलग-अलग खुराक दी जाएगी। इसके लिए फाइजर ने दुनिया के 4 देशों में 4500 से अधिक बच्चों का चुनाव किया है। जिन देशों में बच्चों पर फाइजर की वैक्सीन का ट्रायल होना है उनमें अमेरिका, फिनलैंड, पोलैंड और स्पेन शामिल हैं।
जाइडस कैडिला : कंपनी ने 12-18 आयु वर्ग के लिए अपने डीएनए-आधारित कोविड -19 टीके ZyCoV-D का क्लीनिकल ट्रायल समाप्त कर लिया है। अहमदाबाद स्थित जाइडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन स्टैचुअरी परमिशन के अधीन है और आने वाले समय में 12-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपलब्ध हो सकती है।
मॉर्डना : यूरोप में 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मॉडर्ना के कोरोना वायरस वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों में स्पाइकवैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की तरह ही होगा। हालांकि भारत में इस वैक्सीन के आने को लेकर संशय बना हुआ है।