शिकागो (अमेरिका)। उत्तरप्रदेश के मेरठ में जन्मे एक डॉक्टर के नेतृत्व में यहां शल्य चिकित्सकों ने एक महिला का फेफड़ा प्रतिरोपित किया। उसके शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग कोविड-19 से खराब हो गया था।
कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से अमेरिका में यह इस तरह की पहली सर्जरी मानी जा रही है। शिकागो स्थित नॉर्थ वेस्टर्न मेडिसिन अस्पताल ने कहा कि जिस महिला की यह सर्जरी की गई, उसकी उम्र करीब 20-25 साल है।
नॉर्थ वेस्टर्न मेडिसिन फेफड़ा प्रतिरोपण कार्यक्रम के थोरेसिक (वक्ष से संबंधित) सर्जरी प्रमुख एवं सर्जिकल निदेशक अंकित भारत ने कहा कि फेफड़ा का प्रतिरोपण किया जाना ही उसके जीवित रहने का एकमात्र विकल्प था।
मेरठ में जन्मे अंकित भारत ने कहा कि मैंने अब तक का यह सबसे कठिन प्रतिरोपण किया। वॉशिंगटन पोस्ट ने भारतीय मूल के चिकित्सक हवाले से कहा है कि यह सचमुच में एक सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण मामला था।
इससे पहले, यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया में 45 साल की एक महिला का फेफड़ा प्रतिरोपित किया गया था। यह दुनिया का पहला ज्ञात फेफड़ा प्रतिरोपण था। (भाषा)