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Covid-19 त्रासदी के बाद दुनिया की दो महाशक्तियां आमने-सामने

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 22 मई 2020 (02:56 IST)
चीन के वुहान की लैबोरेटरी से निकले कोरोना वायरस ने दुनियाभर में जो तबाही मचाई है, वो अकल्पनीय है। इस त्रासदी को सदियों तक एक दर्द और टीस के साथ याद किया जाता रहेगा क्योंकि लगातार हो रही मौतों का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कोरोना ने न केवल पूरी दुनिया में उथलपुथल मचा दी है, बल्कि दो महाशक्तियों के बीच उपजे तनाव ने उन्हें आमने-सामने ला खड़ा किया है।
 
अमेरिका में मौत का आंकड़ा 1 लाख के नजदीक : कोरोना की वजह से दुनिया के बड़े देशों में कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया हुआ है और गुरुवार आधी रात तक  3 लाख 32 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी दुनिया में 51 लाख 51 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं और कोई नहीं जानता कि इनमें से कितने मरीज काल का ग्रास बनेंगे। यहां कि सुपर पॉवर अमेरिका भी वायरस के आगे पस्त नजर आ रहा है, जहां कुल मौतों की संख्या 1 लाख के नजदीक पहुंच गई है।
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आरोपों से चीन बौखलाया : कोरोना वायरस ने अमेरिका और चीन के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। अमेरिका कोरोना के फैलाव को लेकर चीन पर लगातार आरोप लगाता रहा है। अमेरिका के इन आरोपों से चीन बौखलाया हुआ है। महामारी की मानसिक लड़ाई के बीच दक्षिण चीन सागर के पानी में एक बार फिर उबाल आ रहा है।

अमेरिका का आरोप है कि चीन साउथ चाइना सी के क्षेत्र में आक्रामक रुख दर्शा रहा है। चीन ने भी अमेरिका पर आरोप लगाए हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा मौजूदा ट्रंप प्रशासन माहौल को भड़का रहा है।
 
WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर कोरोना वायरस संकट को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाते रहे हैं। अमेरिका ने यह भी आरोप लगाए कि चीन के बताने के बाद भी डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लिया।
 
क्या अलग-थलग पड़ जाएगा चीन : कोरोना काल के बाद क्या चीन दुनिया से अलग-थलग पड़ जाएगा और उसके बुरे दिन शुरू होने वाले हैं। चीन की चुनौतियां कई गुना बढ़ जाएंगी। ऑस्ट्रेलिया पहले ही खुलकर विरोध में आ चुका है। इसके बाद यूरोप के कई देश लगातार चीन पर हमला बोल रहे हैं। इस भीषण त्रासदी के कसूरवार चीन को वे माफ नहीं करेंगे।
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सदियों तक नहीं भूल पाएंगे कोरोना का डंक : अमेरिका और यूरोप के तमाम देश कोरोना का चीनी डंक आसानी से नहीं भूल पाएंगे। इस संक्रामक महामारी ने उन्हें आर्थिक रूप से दशकों पीछे ले जाकर खड़ा कर दिया है। वे इसके लिए सीधे तौर पर सिर्फ चीन को जिम्मेदार मानते हैं, इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप फुंफकारते हैं कि चीन को सबक सिखाया जाएगा तो उसमें उनकी कोरी गीदड़ भभकी नजर नहीं आती है। 
 
भारत का पक्ष : भारत के साथ सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर अमेरिका ने चीन की कड़ी आलोचना की है। अमेरिका ने बुधवार को बीजिंग की कार्रवाई को ‘परेशान करने वाला व्यवहार’ बताया और कहा कि दो देशों के बीच की ये झड़पें चीन के खतरे की याद दिलाता है।
 
62 देशों ने चीन के खिलाफ खोला मोर्चा : दुनिया के 62 देशों ने चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से सवाल किए हैं। ये सभी देश निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर भी लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। 
 
डब्ल्यूएचओ पर आरोप है कि उसने इस वायरस को लेकर देरी से चेतावनी जारी की थी। इसके अलावा चीन भी कई देशों के निशाने पर है। अमेरिका के अलावा जर्मनी, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
 
वुहान से निकला था वायरस : कोरोना वायरस का पहला मामला पिछले साल नवंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातर चीन और डब्ल्यूएचओ पर हमला करते रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि चीन ने कोरोना वायरस को दुनिया में फैलाया है और WHO ने कोरोना की जानकारी छिपाने में उसका साथ दिया।

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