नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर उफान पर है। संक्रमण के बढ़ते मामलों ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था
की पोल खोलकर रख दी है। कहीं जिंदगी और मौत से लड़ते मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है तो कहीं अस्पतालों में बेड्स की किल्लत है।
1 मार्च से देश में 18 साल से अधिक उम्र वालों का वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है, लेकिन कई राज्यों में वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन ही नहीं हैं। भारत के भयावह हालातों को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस ने मदद का ऐलान किया है। भारत की सहायता के लिए शाओमी, वनप्लस जैसी कंपनियां भारत की मदद के लिए आगे आई हैं। अमेरिका ने कहा कि वह भारत की हर तरह से सहायता करने को तैयार है, वहीं ब्रिटेन ने जीवनरक्षक उपकरण और यूएई ने ऑक्सीजन भेजने की घोषणा की है।
संकट में साथ खड़ा है अमेरिका : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस नेभारत को घातक कोरोनावायरस संकट से निपटने में मदद देने के लिए आवश्यक चिकित्सकीय जीवनरक्षक आपूर्तियां और उपकरण समेत हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
बाइडन ने एक ट्वीट में कहा कि जैसे भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी, जब वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ गया था, वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ हैं। रविवार को अमेरिका ने ऐलान किया था कि भारत को आपातकालीन सहायता मुहैया कराने के साथ ही कोविशील्ड टीके के भारतीय निर्माता को तत्काल कच्चा माल उपलब्ध कराने को लेकर दिन-रात काम कर रहा है। अमेरिका के रक्षामंत्री ऑस्टीन लॉयड ने रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन को भारत में स्वास्थ्यकर्मियों को हरसंभव जरूरी मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
ब्रिटेन देगा जीवनरक्षक उपकरण : ब्रिटेन ने रविवार को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन संकेंद्रक समेत अन्य वनरक्षक चिकित्सा उपकरण भेजने की घोषणा की। दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटने में सहायता के लिए 600 मेडिकल उपकरण भारत भेजे जाएंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि कोविड-19 से लड़ाई के इस कठिन समय में हम मित्र एवं साझेदार की तरह भारत के साथ खड़े हैं।
सेवा इंटरनेशनल यूएसए की भारत के लिए मुहिम : चिकित्सीय ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक आपूर्तियों की कमी से जूझ रहे भारत की मदद के लिए भारतीय-अमेरिकी भरसक प्रयास करने में जुटे हैं। भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन 'सेवा इंटरनेशनल यूएसए' ने 50 लाख डॉलर चंदा जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 2 दिन के भीतर 15 लाख डॉलर पहले ही इकट्ठा कर लिए हैं। संगठन भारत को तत्काल 400 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेशन के साथ ही अन्य आपातकालीन चिकित्सा उपकरण एवं आपूर्तियों की शुरुआती खेप भेज रहा है।
सेवा इंटरनेशनल, भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण उपजे ऑक्सीजन के संकट को कम करने के लिए दुनियाभर के कई आपूर्तिकर्ताओं से खरीद पर काम कर रहा है। संगठन ने कहा कि उसने भारतीय अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए 'हेल्प इंडिया डिफीट कोविड-19' अभियान की शुरुआत की है। सेवा देश के करीब 10,000 परिवारों को तथा 1,000 अनाथों एवं वरिष्ठ नागरिकों को भोजन एवं दवाएं मुहैया करा रहा है।
सत्या नडेला ने भी बढ़ाया मदद के लिए हाथ : माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने भी भारत की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। सत्या नडेला ने अपने ट्वीट में लिखा कि मैं भारत की वर्तमान स्थिति से बहुत दु:खी हूं। मैं आभारी हूं कि अमेरिकी सरकार मदद करने में जुट गई है।
माइक्रोसॉफ्ट राहत प्रयासों में सहायता के लिए अपनी आवाज, संसाधनों और टेक्नोलॉजी का उपयोग करना जारी रखेगा और महत्वपूर्ण ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेशन डिवाइस को खरीदने में मदद करेगा।