वॉशिंगटन। अमेरिका में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1,50,000 के पार चली गई है। विश्व में इस वायरस के कारण सबसे अधिक लोगों की जान अमेरिका में ही गई है।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका में बुधवार तक कोरोनावायरस की वजह से 150,676 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में 4,426,000 मामले हैं और वायरस से यह दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।
अमेरिका में कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से पहली मौत 29 फरवरी को हुई थी। 23 अप्रैल तक यानी 54 दिन बाद 50,000 लोगों की मौत हुई और इसके 34 दिन यानी 27 मई तक 100,000 लोगों की मौत हो गई, वहीं इसके 63 दिन बाद 50,000 और लोगों की मौत हुई।
हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर आशीष झा ने कहा कि मेरा मानना है कि एक देश के रूप में हम इस पर नियंत्रण नहीं कर सके, हम मौतों को रोकने की प्राथमिकता तय नहीं कर सके, जो कि अफसोसजनक है।
झा ने सीएनएन से कहा कि इसलिए, मेरे लिए यह निराशाजनक है, दुखद है। अगले 150,000 मौतों को कैसे रोका जाए इसके रास्ते तलाशने के लिए संकल्प लेना होगा।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हम कर सकते हैं लेकिन हमें इसके लिए वास्तव में काम करना होगा। संक्रामक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका एक नाजुक मोड़ पर है और इसी बीच देश में स्कूलों को खोले जाने और बच्चों के आने पर बहस छिड़ी हुई है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीजेज के निदेशक एंथनी फाउची ने कई गवर्नरों के साथ बातचीत में कहा कि महामारी अपने आप कम नहीं होने वाला है। इसके लिए जो लोग सामान्य स्थिति चाहते हैं, उन्हें और अनुशासित होने की जरूरत है।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य सुरक्षा केंद्र ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका को संघीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर इस महामारी को नियंत्रण में करने के लिए नीतिगत कदम उठाने होंगे। (भाषा)