लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 संक्रमण से होने वाली मौतों और नए मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। सोमवार को कोविड-19 संक्रमण से 278 संक्रमितों की मौत हुई है और 21,331 नए मामले सामने आए हैं। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 278 संक्रमितों की मौत हो गई है और 21,331 नए संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण के प्रारंभ से अब तक कुल 15,742 लोगों की मौत हो गई है और 15,24,767 लोग संक्रमित हो चुके हैं।
प्रसाद ने दावा किया कि संक्रमित होने वालों की अपेक्षा उपचारित होकर घर जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 21,331 नए संक्रमितों के सापेक्ष 29,709 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 12,83,754 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
अधिकारी ने बताया कि राज्य में इस समय 2,25,271 मरीज उपचाराधीन हैं, जिनमें पृथकवास में 1,66,370 लोग हैं और बाकी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में राज्य में 2.19 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है, जबकि अब तक राज्य में 4.31 करोड़ से अधिक नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण का दावा करते हुए कहा कि विगत 30 अप्रैल, 2021 की अपेक्षा राज्य में कोरोना मरीजों के 77,000 मामले कम हुए हैं। सोमवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार राज्य की राजधानी लखनऊ में लगातार संक्रमितों की संख्या घट रही है और पिछले 24 घंटे में 1,274 नए संक्रमित पाए गए और 26 मरीजों की मौत हुई है।
हालांकि इस अवधि में राज्य में सर्वाधिक नए मरीज मेरठ में पाए गए जिनकी संख्या 2,269 दर्ज की गई है। गोरखपुर में 1,031, गौतमबुद्धनगर में 1,026 मरीज मिले और बाकी जिलों में इसकी संख्या एक हजार से नीचे हो गई है। पिछले 24 घंटे में राज्य में सबसे अधिक कानपुर नगर में 30 संक्रमितों की मौत हुई है। इसके अलावा झांसी में 16, आजमगढ़ में 15, हरदोई और गोंडा में 12-12 तथा गौतम बुद्ध नगर में 10 और मरीजों की मौत हो गई।
सपा ने कहा- हर तरफ मचा हुआ है हाहाकार : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कोविड-19 को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की अदूरदर्शिता और समय पर निर्णय लेने की अक्षमता के चलते प्रदेश में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है।
अखिलेश ने कहा कि सरकार का सारा ध्यान राजधानी और महानगरों पर है, फिर भी हालात बेकाबू हैं। ऐसे में गांवों के लाखों ग्रामीणों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया है और वहां की बदतर होती जिंदगी पर किसी का ध्यान नहीं है।
सोमवार को जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश में एक लाख गांव हैं जहां 70 प्रतिशत आबादी रहती है और 24 करोड़ की जनसंख्या वाला यह सबसे बड़ा राज्य है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान पलायन की विकट स्थिति पैदा हुई। पलायन के दौर में श्रमिकों को अमानवीय स्थितियों से गुजरना पड़ा और कइयों की जानें भी चली गईं और आज फिर बड़ी संख्या में लोग गांवों में लौट रहे हैं।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को कहा, वातानुकूलित कमरों में बैठ कर ट्वीट करने वालों को गांव और जमीन पर हो रहे कामों की जानकारी कैसे हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने आरोप लगाया कि जब गांवों में भीड़ बढ़ रही है, ऐसे समय में न तो वहां जांच और इलाज की व्यवस्था है और न ही रोजी-रोजगार की व्यवस्था है। कोरोना संक्रमण के चलते कृषि कार्य भी बंद हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा, भाजपा सरकार को सिर्फ चुनाव और सत्ता के खेल खेलना ही आता है। प्रबंधन तथा प्रशासन उसके बस का नहीं है।
मुख्यमंत्री को अपनी अकर्मण्यता को स्वीकारते हुए हट जाना चाहिए। इससे रोज संक्रमण में जिंदगी हारते लोगों को राहत तो मिलेगी। यादव ने कहा कि चार वर्ष में ही प्रदेश का हाल बदहाल करने वाली भाजपा सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।
दूसरी ओर राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ ने एक बयान में दावा किया कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 60 हजार निगरानी समितियां कोविड के खिलाफ महाअभियान चला रही हैं और समितियों के चार लाख सदस्य गांवों में घर-घर दस्तक देकर न सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की टेस्टिंग कर मुफ्त मेडिकल किट उपलब्ध करा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में निगरानी समितियों की तैनाती करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, लेकिन, वातानुकूलित कमरों में बैठ कर ट्वीट करने वालों को गांव और जमीन पर हो रहे कामों की जानकारी कैसे हो सकती है।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से गांवों में वापस आ रहे 6,21,165 प्रवासियों की अब तक स्क्रीनिंग की गई है। स्क्रीनिंग के बाद 1,33,560 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। प्रदेश के जिलों में 566 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें जिला स्तर पर 187, तहसील स्तर पर 201, ब्लॉक स्तर पर 9 और पंचायत स्तर पर 169 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।(भाषा)