नई दिल्ली। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में व्हाइट फंगस के कारण कोविड-19 के मरीज की पूरी आंत में अनेक छेद होने का अपनी तरह का पहला मामला सामने आया है।
अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी ऐंड पेनक्रिएटिकोबिलेरी साइंसेस के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि जहां तक हमें जानकारी है, कोरोना वायरस संक्रमण में व्हाइट फंगस (कैंडिडा) के कारण भोजन की नली, छोटी आंत, बड़ी आंत में कई छेद होने जैसा मामला कभी सामने नहीं आया।
उन्होंने बताया कि 49 वर्षीय महिला को पेट में बहुत अधिक दर्द, उल्टी तथा कब्ज की शिकायत के चलते 13 मई को एसजीआरएस में भर्ती करवाया गया था। स्तन कैंसर के कारण पिछले वर्ष दिसंबर में उनका स्तन निकाला गया था और चार हफ्ते पहले तक उनकी कीमोथैरेपी हुई थी।
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि मरीज के पेट का सीटी स्कैन करने पर पता चला कि पेट में पानी और हवा है जो आंत में छेद की वजह से होता है। अगले दिन मरीज की सर्जरी की गई। इसमें भोजन की नली के निचले हिस्से में भी छेद पाए गए। छोटी आंत के एक हिस्से में गैंगरीन होने के चलते उस हिस्से को निकाला गया।
महिला में कोविड-19 की एंटीबॉडी का स्तर काफी अधिक पाया गया। महिला में फंगस की शिकायत पाए जाने के बाद उन्हें एंटी फंगल दवाएं दी गईं और अब उनकी हालत बेहतर है।
डॉ. अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 के बाद फंगल संक्रमण (ब्लैक फंगस) के मामले तो सामने आए हैं लेकिन व्हाइट फंगस के कारण आंत में गैंगरीन तथा भोजन की नली में छेद जैसा मामला इससे पहले कभी सामने नहीं आया। महिला के कैंसर ग्रस्त होने, उनकी कीमाथैरेपी होने तथा इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमण होने की वजह से महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर हो चुकी थी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद से अजीब मामला सामने आया था, यहां एक मरीज़ में ब्लैक फंगस के साथ-साथ व्हाइट फंगस और यलो फंगस भी मिला। यलो फंगस अभी तक मरीजों में मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।