नई दिल्ली। अमेरिका के एक चिड़ियाघर में एक बाघिन के कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडीए) ने सोमवार को देश के सभी चिड़ियाघरों से हाईअलर्ट पर रहने और संदिग्ध मामलों में नमूने लेने के लिए कहा है।
सीजेडीए के सदस्य सचिव एसपी यादव ने राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों को लिखे गए एक पत्र में कहा, अमेरिका के कृषि विभाग की राष्ट्रीय पशु चिकित्सा सेवा प्रयोगशाला ने न्यूयॉर्क के ब्रोन्क्स चिड़ियाघर में एक बाघिन के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि की है।
पत्र में कहा गया है, इसलिए देश के सभी चिड़ियाघरों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और सीसीटीवी के जरिए जानवरों के किसी भी असामान्य व्यवहार या लक्षण का पता लगाने के लिए हर पल नजर रखें। प्राधिकरण ने कहा कि स्तनपाई जीव खासतौर पर बिल्लियों, गंधबिलाव और बंदरों की सतर्कता से निगरानी करने और संदिग्ध मामलों के नमूने पाक्षिक रूप से कोविड-19 की जांच के लिए तय किए गए पशु स्वास्थ्य संस्थानों में भेजे जाएं।
पत्र में कहा गया है कि नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान-भोपाल, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र - हिसार और भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान-बरेली में भेजे जा सकते हैं। पत्र में बीमार पशुओं को पृथक वास में रखने को कहा गया है।
पत्र में कहा गया है कि पशुओं की देखरेख करने वालों को बिना सुरक्षा कवच (बेहतर हो कि निजी सुरक्षात्मक कवच) के जानवरों के नजदीक जाने की अनुमति नहीं होगी और जानवरों को खाना खिलाते समय भी कम से कम संपर्क ही करना चाहिए।
इस पत्र के अनुसार, तय सरकारी नोडल एजेंसियों के साथ सहयोग की सलाह दी जाती है कि वे जांच और निगरानी के संबंध में नामित नोडल एजेंसियों से समन्वय करें। न्यूयॉर्क के ब्रोन्क्स चिड़ियाघर में चार साल की एक बाघिन कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है। उसका नाम नादिया है और अमेरिका में जानवर में कोविड-19 संक्रमण का ज्ञात यह पहला मामला है।
ऐसा संदेह है कि वह देखरेख करने वाले व्यक्ति से संक्रमित हुई है जिसमें उस समय लक्षण नहीं दिखे थे। इस घटना ने इस बात की चिंता बढ़ा दी है कि क्या यह संक्रमण इंसानों से पशुओं में फैल सकता है। सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के दायरे में जंगली जानवरों के आने की आशंकाओं के मद्देनजर देश के सभी राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और बाघ संरक्षित क्षेत्रों में कोरोना के संक्रमण को पहुंचने से रोकने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने का परामर्श जारी किया है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सोमवार को इस आशय की मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए ए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण और एक बाघ के संक्रमित होने की मीडिया रिपोर्टों के आधार पर यह महसूस किया गया है कि राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य और बाघ संरक्षित क्षेत्रों में यह वायरस, मनुष्यों से जानवरों में भी फैल सकता है।
इसके मद्देनजर मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केन्द्र शासित क्षेत्रों को इसका संक्रमण रोकने के सभी जरूरी एहतियाती उपाय करने का परामर्श दिया है। इसके लिए वन्य जीवन में मनुष्यों के दखल को न्यूनतम करने और राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य एवं बाघ संरक्षित क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने को कहा गया है।
देशभर के चिड़ियाघर 13 मार्च को सीजेडए के निर्देश के बाद बंद हो गए हैं। सीजेडए के अनुसार, भारत में 145 मान्यता प्राप्त चिड़ियाघर हैं जिनमें 56,000 से अधिक जानवर हैं। दिल्ली चिड़ियाघर या नेशनल जुलॉजिकल पार्क ने अपने उन कर्मचारियों को घर पर रहने को कहा है जिनमें खांसी, सर्दी, बुखार जैसे लक्षण हैं।
दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक सुनीश बख्शी ने कहा, हम अपने कर्मचारियों की जांच गेट पर करवा रहे हैं। यदि उनमें कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें घर पर अलग रहने के लिए कहा जाता है। रेंज अधिकारी सौरभ वशिष्ठ ने बताया कि चिड़ियाघर के कर्मचारी सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं। वे दस्ताने पहनते हैं, मास्क लगाते हैं और साबुन से हाथ धोते हैं। कीटाणुनाशक का छिड़काव भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 188 एकड़ में फैले चिड़ियाघर में लगभग 1,100 पशु, 30 कर्मचारी और 15 पशु पालक हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के जैविक उद्यान में भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नौ बाघों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
जैविक उद्यान के कर्ताधर्ता राया फ्लेगो ने बताया कि अमेरिका में एक बाघ के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद यहां बाघों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है और उनके खान-पान पर नजर रखी जा रही है।