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जम्बो का क्रिकेट करियर

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* अगस्त 1990 : एक पढ़ाकू छात्र की तरह दिखने वाले अनिल कुंबले ने ओल्ड ट्रेफर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया और तीन विकेट चटकाए। हालाँकि इसके बाद दो वर्षों तक उन्हें टीम में मौका नहीं मिला।

* सितंबर 1992 : शेष भारत की ओर से ईरानी ट्रॉफी मैच में रणजी चैंपियन दिल्ली के खिलाफ 13 विकेट चटकाए। शेष भारत ने मैच पारी के अंतर से जीता।

* नवंबर 1992 : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानसबर्ग टेस्ट से वापसी करते हुए 6 विकेट चटकाए। यह पहली बार था जब पारी में 5 विकेट चटकाए।

* फरवरी-मार्च 1993 : इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के 3 मैचों में 21 विकेट लेते हुए विजयी प्रदर्शन। यहाँ से कुंबले की प्रमुख स्पिनर के रूप में पहचान बनी।

* मार्च 1993 : फिरोजशाह कोटला मैदान पर जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 विकेट चटकाकर भारत को जीत दिलाई। साथ ही दसवें टेस्ट में करियर के 50 विकेट पूरे किए।

* जनवरी 1994 : करियर के 14वें टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान पहली बार मैच में 10 विकेट का आँकड़ा छुआ। साथ ही पहली बार मैन ऑफ द मैच चुने गए।

* अक्टूबर 1995 : करियर के 21वें मैच में बंगलोर में घरेलू दर्शकों के सामने करियर का 100वाँ विकेट हासिल किया। न्यूजीलैंड के खिलाफ इस मैच की पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 5 विकेट चटकाए। बंगलोर के इसी मैदान पर कुंबले ने करियर का 300वाँ और 400वाँ विकेट भी हासिल किया।

* अक्टूबर 1996 : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी के उद्घाटन मैच में नौ विकेट लेते हुए भारत की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई।

* फरवरी 1999 : कुंबले पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में 74 रन देते हुए सभी 10 विकेट चटकाए। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे जिम लेकर के बाद टेस्ट इतिहास के दूसरे गेंदबाज बने।

* अक्टूबर 1999 : कानपुर टेस्ट में न्यूजीलैंड के मैथ्यू हॉर्न को आउट कर सबसे तेजी से 250 टेस्ट शिकार पूरे करने वाले भारतीय बने। तब 250 शिकार करने वाले वे (कुंबले) टेस्ट इतिहास के 21वें गेंदबाज (पाँचवें स्पिनर) थे। श्रृंखला में 20 विकेट चटकाते हुए कुंबले मैन ऑफ द सिरीज भी बने।

* मई 2002 : सेंट जोंस टेस्ट के दौरान कुंबले अपने जबड़े पर लगी चोट के बावजूद चेहरे पर पट्टियाँ बाँधकर मैदान में गेंदबाजी करने आए और ब्रायन लारा जैसा महत्वपूर्ण विकेट भी चटकाया।

* अगस्त 2002 : इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट के दौरान कुंबले ने 7 विकेट चटकाते हुए विदेशी जमीन पर अपनी काबिलियत दर्शाई। भारत ने यह टेस्ट 46 रन से जीता। इस मैच के बाद से कुंबले को मैच विजेता गेंदबाज के रूप में प्रतिष्ठा मिली।

* दिसंबर-जनवरी (2003-04) : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों में 24 विकेट लेते हुए कुंबले ने श्रृंखला में यादगार प्रदर्शन किया। सिडनी में अंतिम टेस्ट में 12 विकेट चटकाए।

* अप्रैल 2004 : पाकिस्तान दौरे पर तीन मैचों में 15 विकेट लेते हुए भारत को पाकिस्तान में पहली टेस्ट श्रृंखला जीत दिलाई (2-1)। इस श्रृंखला में दोनों देशों के गेंदबाजों में कुंबले ने सर्वाधिक विकेट चटकाए।

* अक्टूबर 2004 : बंगलोर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करियर के 85वें टेस्ट में 400 विकेट पूरे किए। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय स्पिनर बने।

* दिसंबर 2004 : ईडन गार्डंस पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के दौरान कपिल देव के सर्वाधिक विकेट के आँकड़े को छुआ।

* दिसंबर 2004 : बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन मो. रफीक को आउट कर कपिल देव को पीछे छोड़ सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले भारतीय गेंदबाज बने। इस उपलब्धि पर कपिल से भी बधाई मिली।

* मार्च 2005 : कोलकाता टेस्ट के अंतिम दिन छः विकेट चटकाते हुए भारत को पाक पर जीत दिलाई।

* दिसंबर 2005 : श्रीलंका के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में 10 विकेट चटकाते हुए भारत को 188 रनों की जीत दिलाई। साथ ही अपनी ही गेंद पर कैच आउट कर शिकार के मामले में मुथैया मुरलीधरन को पीछे छोड़ा।

* मार्च 2006 : मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में करियर का 500वाँ विकेट हासिल किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वे पहले भारतीय गेंदबाज बने।

* जून 2006 : कुंबले की गेंदबाजी के कारण भारत ने वेस्टइंडीज में 35 वर्षों के बाद टेस्ट श्रृंखला जीती। तब किंग्सटन में 269 रनों का पीछा करते हुए इंडीज की पारी 219 रनों पर सिमटी थी। कुंबले ने 78 रनों पर छः कीमती विकेट चटकाए थे।

* अगस्त 2007 : ओवल के मैदान पर कुंबले ने ग्लेन मैग्राथ के 563 टेस्ट विकेटों के आँकड़े को पीछे छोड़ा। इसी टेस्ट में कुंबले ने 17 साल के करियर में पहला शतक लगाया। संयोग से इंग्लिश दौरे पर यह एकमात्र भारतीय शतक रहा।

* नवंबर 2007 : पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला के लिए भारतीय कप्तान चुने गए। भारत को अपनी जमीन पर चिरप्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 28 वर्षों बाद टेस्ट श्रृंखला जिताई।

* जनवरी 2008 : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में 600वाँ विकेट हासिल किया।

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