भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का कहना है कि इंग्लैंड टीम के टेस्ट कप्तान जो रूट भले ही चाइनामैन कुलदीप यादव की फिरकी का तोड़ निकालने में कामयाब रहे हों लेकिन 1 अगस्त से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में पिच सूखी रहने पर वह अभी भी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैंने टीवी पर जो देखा उससे लगा कि रूट ने कुलदीप की गेंद को उसके हाथों में होने पर ही अंदाजा लगा लिया था। कुलदीप की कलाई का एक्शन पेचीदा है और गेंद छूटने के बाद उसे जानना बहुत मुश्किल होता है। रूट ने उसकी कलाई की पोजीशन को जल्दी जान लिया और वह उसे खेलने में कामयाब रहा।
प्रश्न करने पर कि क्या यह भारतीय टीम के लिए खराब संकेत हैं, तेंदुलकर ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इंग्लैंड के दूसरे बल्लेबाज कुलदीप की गेंदों को इतनी अच्छे से खेल पा रहे हैं। इंग्लैंड में इस समय काफी गर्मी है, धूप से पिचें सूखी रहेंगी। ऐसे में कुलदीप और बाकी स्पिनर गेंदबाज के लिए काफी मददगार साबित होंगे। पिचें इसी तरह सपाट और सूखी रहीं तो भारत के लिए अच्छा मौका है। पिच हरीभरी होने पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों का दबदबा रहेगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम को भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की कमी खलेगी। तेंदुलकर ने कहा, भुवी का चोटिल होना भारतीय टीम के लिए बहुत बड़ा झटका है। मुझे उनसे बड़ी उम्मीदें थीं। गेंद को स्विंग कराने की उनकी क्षमता को देखते हुए वे टेस्ट सीरीज में काफी अहम भूमिका निभा सकते थे और इंग्लैंड में पिछली टेस्ट सीरीज (2014) में उनके द्वारा बनाए गए रनों को कौन भूल सकता है। वे एक अच्छे बल्लेबाज हैं जो कि पारी के अंत में आकर अच्छी साझेदारी निभा सकते हैं लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि हमारे पास अभी भी अच्छे तेज गेंदबाज हैं।
जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति पर सचिन ने कहा कि वनडे सीरीज के डेथ ओवरों में भारत को बुमराह की ज्यादा कमी खली जिसमें वे एक चैंपियन गेंदबाज हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छी शुरुआत की है और इस सीरीज में उनके लिए बेहतरीन मौका है। उनके दूसरे टेस्ट में खेलने की संभावना है। इसलिए मैं अच्छे की उम्मीद कर रहा हूं। हालांकि सचिन का मानना है कि पहले टेस्ट में भुवनेश्वर और बुमराह के ना होने से ना तो टीम इंडिया और ना ही कप्तान विराट कोहली के मनोबल पर कोई असर पड़ेगा।