भरपूर ड्रामे और एक्शन के बाद आख़िरकार विश्व क्रिकेट को उसका पहला टेस्ट चैंपियन मिल गया है। न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल पूरे 8 विकेट से जीतकर अपने नाम किया।
फाइनल में कीवी टीम के सामने 139 रनों का लक्ष्य था और टीम ने सिर्फ दो विकेट के नुकसान पर मुकाबला जीतकर अपने नाम किया। टीम की इस यादगार और ऐतिहासिक जीत में कप्तान केन विलियमसन ने नाबाद 52* और रॉस टेलर ने नाबाद 47* रन बनाए।
न्यूजीलैंड ने तो जीतकर इतिहास रचा, लेकिन टीम इंडिया के हाथों एक बड़ी निराशा हाथ लगी। विराट एंड कंपनी को जीत का फेवरेट माना जा रहा था लेकिन पासा पल्टा और वह हार गई। फाइनल में भारतीय टीम द्वारा एक नहीं कई बड़ी गलतियां हुईं, जिसका खामियाज़ा टीम को ट्रॉफी गंवाकर चुकाना पड़ा।
चलिए नजर डालते हैं, फाइनल में मिली टीम इंडिया की हार के तीन अहम कारणों पर :
1 – दो स्पिन गेंदबाजों को खिलाना
टीम इंडिया ने अपनी पहली और सबसे बड़ी गलती मैच शुरु होने से पहले ही कर दी थी, जब उन्होंने दो स्पिन गेंदबाजों को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया। पहला दि पूरी तरह से बारिश से धुल गया था और कप्तान कोहली के पास, दूसरे दिन टॉस से पहले टीम में बदलाव करने का पूरा मौका था, लेकिन कप्तान साहब ने ऐसा नहीं किया।
विराट ने अश्विन और जडेजा दोनों को अंतिम एकादश में बनाए रखा। खराब मौसम को ध्यान में रखते हुए विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट एक स्पिनर को बाहर बैठाकर हनुमा विहारी को ग्यारह में शामिल कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
फाइनल में अश्विन के खाते में चार विकेट आए, जबकि रवींद्र जडेजा सिर्फ एक ही सफलता दर्ज कर सके। खास बात तो यह रही कि दोनों खिलाड़ी बल्ले से भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। दूसरी ओर कीवी टीम ने सही प्लेइंग इलेवन चुनते हुए 4 तेज गेंदबाजों को खिलाया और आज परिणाम सभी के सामने है।
2 – बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
पहली पारी में भारतीय टीम ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 217 रन बनाए। उस समय यह कहा जा सकता था कि बारिश और मौसम का फायदा कीवी टीम को मिला, लेकिन दूसरी पारी में मानो भारतीय खिलाड़ियों की पोल खुल गई।
एक भी खिलाड़ी विकेट पर खड़े रहने का साहस नहीं दिखा सका। कप्तान कोहली से लेकर दीवार माने जाने वाले पुजारा तक मानों सभी ने कीवी गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए। भारतीय टीम की बल्लेबाजी को दुनिया में सबसे ताकतवर माना जाता है, लेकिन चौंकने वाली बात यह रही कि दोनों पारियों में एक भी खिलाड़ी अर्धशतक तक नहीं बना सका।
ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि भारतीय टीम की हार का एक बड़ा कारण उनकी खराब बल्लेबाजी भी रही।
3 – तेज गेंदबाजों ने किया निराश
टीम इंडिया की हार का एक बड़ा कारण टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन भी रहा। चौथी पारी में जिस तरीके से भारतीय गेंदबाजों ने प्रदर्शन किया वह बेहद निराशाजनक था। न्यूजीलैंड के सामने 139 रनों का लक्ष्य था और इस दौरान एक भी भारतीय तेज गेंदबाज अपनी झोली में विकेट नहीं डाल सका।
इशांत शर्मा (6.2 ओवर: 21 रन), मोहम्मद शमी (10.5 ओवर: 31 रन) और जसप्रीत बुमराह (10.4 ओवर: 35 रन) एक भी तेज गेंदबाज विकेट से मिल रहे उछाल का फायदा नहीं उठा सका और टीम को हार का मुंह देखना पड़ा।
हालांकि अब भारत के हाथ से ट्रॉफी निकल चुकी है और कमियां गिनने से कोई खास फायदा नहीं होगा। मगर अब सभी की नजरें भारत की इंग्लैंड सीरीज पर टिकी होंगी, जहां कोहली जीत दर्ज कर अपने फैंस के जख्मों पर मरहम लगा सकते हैं।