क्रिकेट जगत की नई क्रांति
ट्वेंटी-20 क्रिकेट ने बदला माहौल
ट्वेंटी-20 क्रिकेट ने क्रिकेट की लोकप्रियता को निश्चित रूप से बढ़ाया है। अब वे लोग भी क्रिकेट देखते हैं जो पहले कभी क्रिकेट में कोई रुचि नहीं लेते थे। इसका सारा श्रेय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को जाता है। 44 दिनों तक प्राइम टाइम में बेहतरीन क्रिकेट परोसकर आईपीएल ने कई लोगों को क्रिकेट का शौकीन बना दिया है।आईपीएल की सफलता से यह संभावना सही साबित हुई कि क्रिकेट का बाजार बहुत विस्तृत है और इसमें असीमित कमाई के आसार हैं। आने वाले समय में कुछ और बड़े नाम क्रिकेट से जुड़कर इस संभावना को भुनाने की कोशिश करेंगे।आईपीएल के दौरान हमने देखा कि संजय बांगर, सुनील जोशी जैसे खिलाड़ी जो वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के बारे में सोच भी नहीं सकते, वे एक बार फिर नजर आए। इसी तरह कई भारतीय युवा खिलाड़ियों को दुनिया के दिग्गज क्रिकेटरों के साथ खेलने का मौका मिला जो अपने आप में ऐसा अनुभव है, जिसे बयान नहीं किया जा सकता।
कई ऐसे क्रिकेटर जो अब शायद राष्ट्रीय टीम में वापसी न कर पाएँ लेकिन आईपीएल से उनकी पूछ-परख बढ़ी है। कहने का मतलब कि आईपीएल के पहले दौर में केवल आठ टीमों की मौजूदगी ने ही बहुत से युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका दिया है तब क्या होगा जब भविष्य में इन टीमों की संख्या 12, 16, 18 और 24 होगी।
आने वाले समय में युवा खिलाड़ियों की कई फौज हमें लीग क्रिकेट में दिखाई देंगी। इस वजह से देश भर में स्कूल स्तर पर प्रतिभा चुनने के उद्देश्य से कई प्रोग्राम संचालित किए जा रहे हैं।
क्रो का नया फार्मूला- आईपीएल एक नया प्रयोग था, जिसे अपार सफलता मिली। अब क्रिकेट प्रेमियों को ट्वेंटी-20 क्रिकेट की आदत पड़ चुकी है। इसी सफलता को मद्देनजर रखते हुए न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर मार्टिन क्रो ने सुझाव दिया है कि हर चार साल में होने वाले विश्व कप के बजाय दो पारियों का ट्वेंटी-20 क्रिकेट विश्व कप आयोजित किया जाना चाहिए, जिसमें वनडे क्रिकेट से ज्यादा रोमांच है।
इस फार्मेट में दोनों ही टीमों को मैच में वापसी के कई मौके मिलते हैं। हालाँकि अभी यह केवल एक प्रस्ताव है, लेकिन इसकी प्रबल संभावना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह फार्मेट लोकप्रिय होगा।
दो पारियों का ट्वेंटी-20 क्रिकेट इंग्लैंड में काफी चर्चित है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यदि इसे मान्यता मिली तो जाहिर है टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट के अस्तित्व पर खतरा मँडरा सकता है।