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गुंडप्पा रंगनाथ विश्वनाथ

हमें फॉलो करें गुंडप्पा रंगनाथ विश्वनाथ
मैसूर व भारत

बाएँ हाथ के बल्लेबाज, अस्थायी लेग ब्रेग गेंदबाज, विशेषज्ञ स्लिप क्षेत्ररक्षक

क्रिकेट की दुनिया में 'विशी' के नाम से मशहूर आकर्षक व्यक्तित्व के धनी गुंडप्पा विश्वनाथ कभी रिकॉड बुक्स के प्रभाव में नहीं आए, लेकिन एक बहुत ही विशिष्ट रोचक रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। उन्होंने अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में शतक लगाया, वह भी दोहरा शतक आंध्रा के विरुद्ध मैसूर के लिए खेलते हुए 230 रन और फिर उन्होंने अपने पहले टेस्ट मैच में भी पहली पारी में शून्य बनाने के बाद दूसरी पारी में शतक लगाया 1969-70 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध कानपुर में। उनके इस रिकॉर्ड की बराबरी अब तक केवल ऑस्ट्रेलिया के डर्क वेलहेम ही कर पाए हैं।

रिश्ते में अपने साले सुनील गावस्कर से भी कद में छोटे 5.4 इंच लंबे विश्वनाथ मैदान पर अत्यधिक चपल और आकर्षक कलाई के खिलाड़ी थे। बेकफुट या फ्रंटफुट पर जाकर विकेट के दोनों ओर कलात्मक कट शॉट खेलना उनकी विशेष खूबी थी। स्वभाव से आक्रामक विश्वनाथ की शानदार व मजबूत कलाइयाँ आज भी दर्शकों के जहन में उनके यादगार कलात्मक कट शॉटों को याद कर नहीं थकती।

उन्होंने भारत के लिए लगातार लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलने का भी रिकॉर्ड बनाया। 1969 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध कानपुर से लेकर 1982 कराची में पाकिस्तान के विरुद्ध उन्होंने कुल 77 लगातार टेस्ट मैच खेले, जो कि सर गारफील्ड सोबर्स से 2 टेस्ट अधिक थे। एक लंबे और दीर्घकालिक कैरियर के चलते शनैः-शनैः उनकी गति और एकाग्रता दोनों में फर्क आया और 1979-80 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध श्रृंखला में 518 रन बनाने के पश्चात्‌ 1980-81 में भी उनके प्रदर्शन में अचानक गिरावट आई और ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के विरुद्ध मेलबोर्न में बनाए गए 114 रनों के अलावा उनका प्रदर्शन उनके स्तर से काफी हल्का रहा।

वापसी पर उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 107 और फिर अपने जीवन के सर्वाधिक 222 रनों की व्यक्तिगत पारी खेली और यशपाल शर्मा के साथ मद्रास टेस्ट में तीसरे विकेट के लिए 316 रन जोड़े, लेकिन उस ऐतिहासिक पारी के बाद अचानक उनका फॉर्म बुरी तरह लड़खड़ा गया और फिर वह उससे कभी नहीं उबर सके और इतने शानदार दीर्घकालिक कॅरियर का बड़ा ही आकस्मिक अंत हो गया।

क्रिकेट में रुचि रखने वालों के लिए यह हमेशा ही जिज्ञासा का विषय रहा कि विश्वनाथ की अपने साले महान सुनील गावस्कर के साथ कभी भी कोई बड़ी टेस्ट भागीदारी एक दशक से भी लंबे साथ में खेले टेस्ट कॅरियर में नहीं रही, लेकिन लोगों की रुचि अब आगे यह जानने में भी है कि जिस परिवार के खून में इस कदर क्रिकेट दौड़ रहा है उसकी आगे आने वाली पीढ़ी इस खेल में क्या गुल खिलाती है।

टेस्ट रिकॉर्ड : टेस्ट 91, पारी 155, नॉट-आउट 10, उच्चतम स्कोर 222, रन 6080, औसत 41.93, शतक 14, अर्द्धशतक 35, कैच 63, गेंदे 70, रन 46, विकेट 1, औसत 46.00, सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 1/11

प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड 1967-1985 : मैच 293, पारी 464, नॉट-आउट 43, उच्चतम स्कोर 247, रन 17230, औसत 40.92, शतक 43, कैच 219, रन 723, विकेट 15, औसत 48.20, सर्वश्रेष्ठ 2-21

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