मैनचेस्टर। 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर पूरी क्रिकेट बिरादरी में विशिष्ट शख्सियत रखते हैं। अपनी क्रिकेट कॉमेंट्री में वे दूसरे कमेंटटरों की तरह बकवास नहीं करते बल्कि खेल की बारीकियों पर पैनी नजर रखकर तनकीकी विशेषज्ञता के साथ उसे दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के मामले वे एक चूक कर बैठे। क्या थी ये चूक? यहां पर पढ़िए।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच गुरुवार, 27 जून को वर्ल्ड कप का मैच खेला गया लेकिन उससे ठीक 1 दिन पहले उन्होंने इस विश्व कप में पहली और इतिहास की दूसरी हैट्रिक लेने वाले मोहम्मद शमी की प्रतिभा को कम आंक लिया। सचिन का कहना था कि इस मैच में शमी की जगह भुवनेश्वर को अंतिम 11 में खिलाना चाहिए।
सचिन ने कहा था कि भुवनेश्वर ताबड़तोड़ बल्लेबाज क्रिस गेल को रोकने में सक्षम हैं। यह भारतीय टीम के लिए अच्छी खबर है कि भुवनेश्वर फिट हैं। मैंने उनकी बॉडी लैंग्वेज देखी। वे आत्मविश्वास में नजर आ रहे हैं। मुझे वेस्टइंडीज और भारत के मुकाबले से पहले शमी और भुवनेश्वर में से किसी एक चुनने को कहा जाएगा, तो मैं भुवी को मौका दूंगा।
टीम इंडिया के थिंक टैंक ने सचिन की राय को नहीं माना और भुवनेश्वर की जगह मोहम्मद शमी को तरजीह दी। शमी ने भी अपने चयन को सार्थक करके 6.2 ओवरों में 16 रन देकर 4 विकेट लिए। इसमें क्रिस गेल का विकेट भी शामिल था। सलामी बल्लेबाज गेल जब 6 रन पर थे, तब शमी ने उन्हें केदार जाधव के हाथों कैच करवा डाला!
22 जून को भारत और अफगानिस्तान मैच में भी शमी ने धारदार गेंदबाजी करके मैच के अंतिम ओवर में हैट्रिक ली थी। 32 साल बाद वे विश्व कप इतिहास में हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने। इससे पहले भारत के ही चेतन शर्मा ने हैट्रिक ली थी। चेतन ने यह कारनामा भारत में आयोजित 1987 के रिलायंस वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ किया था।
शमी ने सबसे कम 9 मैचों में 25 विकेट विश्व कप में लिए हैं। इसके पहले ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने पहले विश्व कप में 10 मैचों में 25 विकेट लेने में सफलता पाई थी।
भारत ने गुरुवार को वेस्टइंडीज पर जो 125 रनों की अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है, उसमें शमी के अलावा जसप्रीत बुमराह का भी योगदान रहा जिन्होंने 9 रन देकर 2 विकेट लिए। भारत ने 7 विकेट खोकर 268 रन बनाए थे। इसके जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 34.2 ओवरों में 143 रन ही बना सकी।