बर्मिंघम। जो अंपायर मैदान में अंगुली उठाकर बल्लेबाज का काम तमाम कर देता है या फिर हाथ उठाकर गेंदबाज की गेंद को नोबॉल करार देकर 'फ्री हिट' का तोहफा देता है, अब उसी फैसलों पर अंगुली उठना शुरू हो गई है। ताजा मामला विश्व के दूसरे सेमीफाइनल में देखने को मिला, जब अंपायर धर्मसेना इस चक्रव्यूह में फंसकर इंग्लैंड के बल्लेबाज जेसन रॉय को आउट दे बैठे।
लगता है कि आईपीएल के फाइनल मैच के फाइनल ओवर से अंपायर के गलत फैसलों की जो शुरुआत हुई थी, उसने आईसीसी विश्व कप क्रिकेट को भी अपने आगोश में ले लिया है। पहले सेमीफाइनल मैच में महेंद्रसिंह धोनी के आउट होने पर सोशल मीडिया में गुरुवार को लंबी बहस होती रहीं और क्रिकेट में दखल रखने वाले अपने-अपनी सोच के हिसाब से दलील देते रहे कि अंपायर सजग होते तो धोनी नॉटआउट होते।
बहरहाल, जब इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया द्वारा जीत के लिए दिए गए 224 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी, तब 20वें ओवर में सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय को अंपायर धर्मसेना ने तब कैच आउट दे दिया, जब वे शतक से 15 रन दूर थे। जेसन खुद अंपायर को कह रहे थे कि वे नॉटआउट हैं क्योंकि गेंद और बल्ले का संपर्क ही नहीं हुआ, लेकिन धर्मसेना अपने फैसले पर अडिग रहे।
यह मामला तब हुआ जब इंग्लैंड का स्कोर 19.4 ओवर में 147 रन था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पैट कमिंस की गेंद पर जेसन रॉय का कैच विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने लपका। टीवी रिप्ले में भी साफ दिखाई दे रहा कि गेंद ने बल्ले को छुआ तक नहीं। इंग्लैंड का दुर्भाग्य था कि उसके पास रिव्यू नहीं बचा था। यदि रिव्यू लिया जाता तो तीसरा अंपायर जेसन को नॉटआउट करार देता।
गलत फैसले का शिकार होकर जेसन थके हुए कदमों से ड्रेसिंग रूम लौट गए। लौटते वक्त वे बड़बड़ाते रहे और अंपायर के फैसले से नाखुश भी दिखाई दिए। उन्होंने 65 गेंदों में 9 चौके और 5 छक्कों की मदद से 85 रन की पारी खेली।