राहुल द्रविड़ ने कहा कि उनका सारा ध्यान विश्वकप अभियान पर रहा उन्होंने मुख्य कोच पद पर बने रहने के बारे में नहीं सोचा, लेकिन समय मिलने पर वह ऐसा करेंगे।
विश्वकप फाइनल मुकाबले के ऑस्ट्रेलिया से हार मिलने के बाद रविवार देर रात संवाददाता सम्मेलन में पूछे गये सवाल के जवाब में द्रविड ने कहा, “मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। मैं अभी खेल खेलकर आया हूं। मेरे पास इस बारे में सोचने का समय नहीं है और न ही इस पर विचार करने का समय है। हां, जब मुझे ऐसा करने का समय मिलेगा तब मैं ऐसा करूंगा। लेकिन अभी इस समय, मैं पूरी तरह से विश्वकप अभियान पर केंद्रित था, और मेरे दिमाग में और कुछ नहीं था। और मैंने भविष्य में क्या होगा इसके बारे में कोई अन्य विचार नहीं किया है।”
जब उनसे उनकी कोचिंग के दो वर्षो के वर्षो के कार्याकाल के बारे में पूछा गया तो द्रविड़ ने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो खुद का मूल्यांकन और विश्लेषण करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें खिलाड़ियों के साथ काम करने पर वास्तव में गर्व है।
उन्होंने कहा, “मेरे पास इसके बारे में सोचने का समय नहीं है। मेरा मतलब है, मैं अभी-अभी वहां एक खेल से बाहर आया हूं, इसलिए ईमानदारी से कहूं तो मैंने वास्तव में इसके बारे में नहीं सोचा है और ईमानदारी से कहूं तो मैं वास्तव में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो स्वयं को परखने और विश्लेषण करने के लिए जा रहा हो।”
उन्होंने कहा, “लेकिन ईमानदारी से कहूं तो जैसा कि मैंने कहा था कि उनके साथ काम करने में मुझे वास्तव में गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि मैंने पिछले दो वर्षों में सभी प्रारूपों में जिन खिलाड़ियों के साथ काम किया है, उनके साथ काम करने में मुझे बहुत मजा आया, और हां, यह सौभाग्य की बात है।”(एजेंसी)