नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी के बाद नए नोटों की जमाखोरी करने वालों को भारी कीमत चुकानी होगी क्योंकि इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों पर सभी एजेंसियां नजर रख रही हैं।
जेटली ने आज जारी एक बयान में कहा कि एजेंसियां इस तरह के मामलों की जांच कर रही हैं और जो लोग इसमें शामिल पाए जाएंगे उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि 500 और एक हजार रुपए के पुराने नोटों को प्रचलन से हटाए जाने की परिस्थिति का कुछ लोग गलत लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा और नए नोट जमा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति पर सरकार की पैनी नजर है और परिस्थिति के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। सरकार को ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि बैंकिंग तंत्र में शामिल कुछ लोग दूसरे लोगों के साथ अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर धनराशि जमा करने की कोशिश कर रहे हैं।
जेटली ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से कानून का उल्लंघन होता है और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिल रहा है जिससे भ्रष्टाचार कम होगा। इससे कर चोरी पर भी लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि कैश पर चलने वाले तंत्र से भ्रष्टाचार बढ़ता है जिसकी कीमत समाज को चुकानी पड़ती है। नोटबंदी से बैंकिंग तंत्र में धनराशि आती है और उसके बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों कर में बढ़ोतरी होती है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के दौरान बड़े नोटों का प्रचलन 36 प्रतिशत बढ़कर 80 प्रतिशत पर पहुंच गया। कैश में लेनदेन करने की कीमत अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने तंत्र की ओवरहॉलिंग शुरू की है और नोटबंदी एक ऐसा माध्यम है जिससे बड़े प्रचलित नोट बंद हो जाएंगे। यह लेस कैश अर्थव्यवस्था की ओर जाने का रास्ता है। (वार्ता)