Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

माल जो रिजेक्‍टेड है

ब्‍लॉग-चर्चा में आज दिलीप मंडल का ब्‍लॉग 'रिजेक्‍ट माल'

हमें फॉलो करें माल जो रिजेक्‍टेड है

jitendra

WD
आज की ब्‍लॉग-चर्चा रिजेक्‍ट माल पर है। जो हर जगह से रिजेक्‍टेड है, पॉपुलर मीडिया में जिसके लिए जगह नहीं है, उस सारे रिजेक्‍ट माल के लिए इस ब्‍लॉग पर जगह है।

सीएनबीसी आवाज, दिल्‍ली के पत्रकार दिलीप मंडल प्रणव प्रियदर्शी और अनुराधा के साथ मिलकर यह ब्‍लॉग चलाते हैं।

बहुविध विषयों पर लिखे जा रहे इस ब्‍लॉग में आसपास की दुनिया में घट रही घटनाओं पर विचार देखे जा सकते हैं, विचार जो यूँ तो रिजेक्‍टेड माने जाते हैं, लेकिन जिनकी इस वक्‍त में सबसे ज्‍यादा जरूरत है। किसी भी नई घटना पर एक झनझनाता हुआ वैचारिक आलेख रिजेक्‍ट माल में तुरंत प्रकाशित होता है।

अनुराधा स्त्रियों से जुड़े सवालों पर लिखती रहती हैं। एक 11 साल के बच्‍चे की फिल्म तारे जमीं पर लिखी गई शानदार पोस्‍ट भी यहाँ देखी जा सकती है। इस ब्‍लॉग में काफी विविधता है। यहाँ आपको हर दिन कुछ नया, बेहतर पढ़ने को मिल सकता है।

webdunia
WD
एक पोस्‍ट एक सौ बीस साल में एक ही मूल निवासी ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेटर में दिलीप मंडल लिखते हैं, '' ... और शिकायत ये कि भारत में नीची जाति वालों को क्रिकेटर बनने का मौका नहीं दिया जाता। ये सच है कि भारतीय क्रिकेट टीम में कोई दलित नहीं है। इस समय तो कोई ओबीसी-बनिया भी नहीं है। आदिवासी भी कोई नहीं है। भारत की लगभग 75 फीसदी आबादी जिन समुदायों को लेकर बनती है, शायद संयोग से (?) भारतीय क्रिकेट टीम में नदारद है। यह एक ऐसी समस्या है जिससे भारत को निबटना ही होगा। भारतीय विविधता का जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में नजर न आना खतरनाक है और यह हमारे समय की एक गंभीर गंभीर समस्या है। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि भारतीय क्रिकेट में जातिवाद की बात उस ऑस्ट्रेलया में चल रही है, जहाँ क्रिकेट में नस्लवाद की जड़ें बेहद गहरी हैं।''

एक और पोस्‍ट 'जाट तख्त जीतेगा या मल्लिका शेरावत?' में वे लिखते हैं, 'जाट समाज के लिए रोल मॉडल कौन है? रोहतक की मल्लिका को देखिए, जो परंपरागत परिवार से निकलकर मुंबई पहुँचती है और फिल्मी दुनिया में अपनी धाक कायम करती है। नाम बदलने से उसे एतराज नहीं, संस्कृति की ऐसी की तैसी करने से उसे परहेज नहीं। जाट बिरादरी को शिकायत है कि मल्लिका अपने लत्ते क्यों उतार देती है। लेकिन फिल्मों में काम तो ईशा देओल भी कर रही है और महिमा चौधरी भी। और भी कई जाटनियाँ हैं, जो फिल्मों से लेकर टीवी में काम कर रही हैं। जाटों की साइट्स में उनके नाम बड़े गर्व से लिखे गए हैं।'

दिलीपजी अपने ब्‍लॉग के साथ-साथ मोहल्‍ला और कबाड़खाना नामक कम्‍यूनिटी ब्‍लॉग पर भी लगातार लिखते रहते हैं। हर घटना पर अपनी तीखी और मारक प्रतिक्रिया देते हैं। उनकी एक खास शैली है, जिसमें वे इस व्‍यवस्‍था को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हैं। उनके लिखे लेख प्राय: लंबे विमर्शों की शुरुआत होते हैं, चाहे वह मोहल्‍ला में पत्रकारिता को लेकर छिड़ी बहस हो, समकालीन जनमत में बाल-विवाह के सवाल पर और चाहे लॉर्ड मैकाले और क्‍लाइव में ज्‍यादा बड़ा अपराधी कौन, इस बात को लेकर हो।

दिलीपजी की लिखने की गति भी काफी तेज है। हर दिन ब्‍लॉग पर कुछ नया लिखा जाना लाजिमी है। रिजेक्‍ट माल के नाम से बिदकने की जरूरत नहीं। ये ब्‍लॉग उन लोगों के लिए है, जिन्‍हें उसी रिजेक्‍ट माल की जरूरत है, जो उनके मानस का ठीक-ठीक निर्माण कर सके।

हिंदी ब्‍लॉगिंग और उससे जुड़े विभिन्‍न पहलुओं के बारे में वेबदुनिया ने उनसे लंबी बातचीत की। प्रस्‍तुत है, उस बातचीत के कुछ अंश।

ज्‍यादा तीखा लिखने के लिए ब्‍लॉग बेहतर मंच
प्रसिद्ध ब्‍लॉगर और पत्रकार दिलीप मंडल से वेबदुनिया की बातचीत

ब्‍लॉग : रिजेक्‍ट माल
URL : http://www.rejectmaal.blogspot.com/

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi