कोविड-19 कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च 2022 को जनता कर्फ्यू लगा था और 23 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया। करीब जुलाई के बाद प्रतिबंधों में कुछ ढील दी गई और फिर दूसरी लहर प्रारंभ हो गई जिसके चलते कई जगहों पर पुन: लॉकडाउन लगा दिया गया। फिर वही जुलाई के बाद धीरे-धीरे अनलॉक किया गया। मार्च 2022 में सभी तरह के प्रतिबंध हटा दिए गए। इस दौरान लोगों ने 10 अच्छी बातें सीखी जो उनके जीवन में काम आ सकती है।
1. सोशल डिस्टेंस, मास्क और सेनेटाइजर : यह एक सबसे अच्छी बात है जो कि आगे भी लोगों को काम आ सकती है। भले ही कोराना वायरस अब नहीं रहा हो लेकिन भविष्य में यदि फिर ऐसी स्थिति बनती है तो अब लोग जानते हैं कि हमें क्या करना है। अब सभी को बस, ट्रेन, ऑफिस, स्कूल, ऑडिटोरियम, सिनेमाहाल शॉपिंग मॉल और दुकानों आदि सभी सार्वजनिक जगहों पर इसका पालन करना चाहिए। मास्क और सेनेटाइजर हमेशा अपने पास ही रखना होगा। क्योंकि सभी जानते हैं कि बचाव का यही एकमात्र तरीका है।
2. हाइजेनिक : अब लोग पहले की अपेक्षा अधिक हाइजेनिक हो गए हैं। जो नहीं होंगे उनसे लोग दूरी बनाकर रखेंगे। जो इस आदत को अपनाए रखेगा वह खुद को और अपने परिवार सहित समाज को भी बचाकर रखेगा। स्वच्छता मिशन पर और अधिक तेजी से कार्य किया गया है। अब समाज में बदलाव हो रहे हैं। सामाजिक व्यवहार बदलने के अर्थ है कि अब लोगों की लाइफ स्टाइल भी चेंज हो गई है।
3. डिजिटल पेमेंट : पहले लोग इतना डिजिटल पेपेंट को यूज नहीं करते थे। लेकिन अब करने लगे हैं। लॉकडाउन में बिजली, पानी, क्रेडिट कार्ड व फोन जैसी सुविधाओं के बिलों का ऑनलाइन भुगतान 73 फीसदी तक बढ़ा है। फाइनेंशियल कंपनी, रेजर पे की रिपोर्ट में लॉकडाउन से पहले और बाद के नतीजों का विश्लेषण किया गया है। डिजिटल पेमेंट में 43 फीसदी के साथ यूपीआई सबसे आगे रहा। पहले लोग यह करना कम ही जानते थे लेकिन अब सभी ने ये सीख लिया है।
4. वर्क फ्रॉम होम : अब लोग वर्क फ्रॉम होम करना सीख गए हैं। घर को ही लोगों ने ऑफिस की तरह डेवलप कर लिया है। इसके कारण बहुत तेजी से वर्क कल्चर बदला है। कई कंपनियों में अब भी वर्क फ्रॉम होम जारी है। जॉब सर्च पोर्टल जॉब्सफॉरहर के अनुसार इससे महिलाओं के लिए 30 पर्सेंट तक अवसर बढ़ गए हैं।
5. बचत बढ़ेंगी : लॉकडाउन ने लोगों को बहुत कुछ सिखा दिया है। अब लोग फालतू खर्च नहीं करते हैं। अब लोग फालतू ही घूमने-फिरने और रेस्टोरेंट में खाने से कतराने लगे हैं। मंगनी, शादी आदि मांगलिक कार्य और अन्य प्रोग्राम भी कम खर्चिले हो गए हैं। अधिकतर लोग अब अपनी बचत पर ध्यान दे रहे हैं। यानी की बचत करना सीख गए हैं। बचत बढ़ने का अर्थ यह है कि लोग कम खर्च करेंगे। बहुत जरूरी आवश्यकताओं की वस्तुओं का संग्रह करेंगे।
6. इंटरनेट का प्रचलन बढ़ेगा : अब लोग इंटरनेट का महत्व पहले की अपेक्षा ज्यादा समझते हैं। जो लोग कभी इंटरनेट का ज्यादा यूज नहीं करते थे अब वे भी इसे सीख गए हैं और उसका सही उपयोग करना भी सीख गए हैं। अब व्यापार जगत, आईटी सेक्टर, अन्य कंपनियां ही नहीं आम व्यक्ति की वीडियो कॉफ्रेंसिंग और ऑनलाइन कार्य को महत्व देने लगा है। ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट फ्रेंडली बन गए हैं।
7. योग और ध्यान करना सीखे : लोग पहले की अपेक्षा खुद को ज्यादा स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। घर में ही कसरत, योग के अलावा कुछ ऐसा कार्य भी करने लगे हैं जो कि रचनात्मक है। लोगों को अब यह तो समझ आ ही गया है कि किसी भी बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है सोशल डिस्टेंस को अपनाना, बीमारी हो जाने पर क्वारंटाइन हो जाना और इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाकर रखना। इस वायरस ने हमें यह सिखाया कि शरीर को तंदुरुस्त या फिट रखना कितना जरूरी है। इम्युनिटी पावर को बढ़ाकर रखना भी कितना जरूरी है। इसीलिए अब लोगों में अपनी सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इसके लिए योग, प्राणायाम, आयुर्वेद, ध्यान और पौष्टिक भोजन को लोगों ने बहुत अपनाया है।
8. राशन का स्टाक जरूरी, थोड़े में गुजारा करना : अचानक से लगे लॉकडाउन ने लोगों को संभलने का मौका ही नहीं दिया। घर में ना किराना था ना सब्जी का स्टाक। ऐसे में यह सबक मिला की घर में कम से कम इतना राशन पानी तो होना ही चाहिए कि 3 माह आराम से निकाले जा सके। हालांकि लॉकडाउन ने थोड़े में गुजारा करना भी सीखा दिया है।
9. नौकरी या व्यवसाय : लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी चली गई और कई लोगों के व्यवसाय भी ठप हो गए। इस दौरान लोगों ने सीखा दिया की हमें विकल्पों को खुला रखना चाहिए और किसी भी प्रकार की डिपेंडेंसी नहीं रखना चाहिए। निराश हुए बगैर हमें दूसरे काम को ढूंढ लेना चाहिए। नौकरी के भरोसे नहीं रहना चाहिए या इतनी बचत हो कि जीवन संकट काल के दौर में चल सके। यानी जीवन के किसी भी क्षेत्र में बेहतर रणनीति आपके जीवन को सफल बना सकती है और यदि कोई योजना या रणनीति नहीं है तो समझो जीवन एक अराजक भविष्य में चला जाएगा जिसके सफल होने की कोई गारंटी नहीं। अत: अब लोग अपने जीवन की प्लानिंग करने लगे हैं और साथ ही संकट से बचने या बचे रहने की योजना भी बना रहे हैं। इस दौरान लोगों ने धैर्य और संयम का महत्व भी समझा है।
10. एक-दूसरे का सहयोग जरूरी : अब लोग पहले की अपेक्षा अपनों को और रिश्तों को ज्यादा महत्व देने लगे हैं। खासकर अपने पड़ोसी से मधुर संबंध बनाना लगे हैं क्योंकि वक्त पड़ने पर सबसे पहले वही काम आता है और साथ ही अब लोग एक-दूसरे का सहयोग करने लगे हैं। लॉकडाउन में लोगों ने एक दूसरे के सहयोग से ही जीवन को आसान बनाया है। अब लोग समझने लगे हैं कि पैसा, रुतबा या प्रसिद्ध किसी काम की नहीं होती है। काम तो अपने ही आते हैं। लोग यह भी समझने लगे हैं कि लोगों की सेवा करोगे तो लोग भी आपके संकटकाल में आपके साथ खड़े रहेंगे।