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इन 10 भयानक कारणों से आ सकता है प्रलय

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धरती पर प्रलय आने की चर्चा सदियों से चली आ रही है। इंसान को इस ग्रह पर रहते हुए 2.8 मिलियन साल हो चुके हैं। अन्य विलुप्त हो चुकी प्रजातियों की तरह इंसान के भी खत्म हो जाने का कारण प्रलय ही होगा, ऐसा हमेशा से माना गया है। क्या हैं प्रलय के कारण? क्या सचमुच प्रलय आने की संभावना बहुत अधिक है? क्या आपके जीवनकाल में प्रलय आ सकता है? 

 
ये ऐसे सवाल हैं जो अक्सर ही दिमाग में कौंध जाते हैं। कई बार ऐसी तारीखें दी जा चुकी हैं जो प्रलय आने का समय बताती हैं। आइए जानते हैं ऐसे कारण जो इतने भयानक हैं कि प्रलय को ला सकते हैं आपके जीवनकाल में ही। 

अगले पेज पर पहला भयानक कारण... 

1. चुंबकीय बदलाव : हर कुछ हजार सालों में ग्रह की भीतरी चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव होते हैं। इससे उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव में बदलाव आते हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार, दक्षिणी और उत्तरी ध्रुवों में 170 चुंबकीय बदलाव हो चुके हैं। पिछला सबसे बड़ा बदलाव 781,000 साल पहले हुआ था।
 
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इसके मुताबिक अगला बदलाव कभी भी आ सकता है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक नए रिसर्च के अनुसार, धरती के चुंबकीय क्षेत्र 10 गुना अधिक तेजी से कमजोर हो रहे हैं। अगले कुछ ही सालों में ध्रुवों में बदलाव हो सकता है। इस बदलाव से तूफान आ सकते हैं। इसके अलावा सूर्य की कॉस्मिक किरणें और इससे भी अधिक ताकतवर पार्टिकल्स आकाश से धरती की तरह आकर्षित हो सकते हैं। 

अगले पेज पर ग्लोबल वार्मिंग... 

2. ग्लोबल वार्मिंग : ग्लोबल वार्मिंग इंसान की अतिमहत्वाकांक्षा का नतीजा मानी गई है। इसके चलते पृथ्वी के आसपास तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। बढ़े हुए तापमान के चलते, धरती के ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है और समुद्र में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। 

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इस तरह की अवस्था में मनुष्यों के खत्म होने का वक्त कभी आ सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी का हाल वीनस की तरह हो सकता है जहां दिन का तापमान 900 डिग्री फेरनहाइट तक हो जाता है। मानव की विकास की इच्छा दिन पर दिन बढ़ रही है। इससे धरती का हाल बेहाल होना अधिक दूर नहीं। 
 
अगले पेज पर गामा रे बर्स्ट.... 

3. गामा रे बर्स्ट : गामा रे बर्स्ट दो तरह की गामा रे (गामा किरणों) का आपस में टकराकर फूटना है। दो सितारे अगर आपस में टकरा जाएं तो इस तरह का विस्फोट धरती पर प्रलय ला सकता है। 

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इस तरह तारों के आपस में टकराने पर जबरदस्त विस्फोट हो सकता है जिसकी उर्जा सूर्य की उर्जा से कई गुना अधिक होगी। ऐसे विस्फोट अन्य आकाशगंगाओं में हो चुके हैं। अगर ऐसा विस्फोट होता है तो पृथ्वी का बचाव करने वाली ओजोन परत नष्ट हो जाएगी और धरती पूरी तरह से जल जाएगी।  
 
अगले पेज पर महामारी .... 
 

4. महामारी : दुनिया के इतिहास में कई बार ऐसी महामारियां धरती पर आ चुकी हैं कि कई सभ्यताएं खत्म हो गईं। चौदहवी शताब्दी में 'ब्लैक प्लेग' नाम की बीमारी इतनी भयानक रूप से फैली कि इसके चलते सारे यूरोप में हर 4 में से 1 इंसान की मृत्यु हो गई। 

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इसी तरह 1918 में, स्पेनिश फ्लू ने कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ली। हाल ही में कई ऐसी महामारी उभरी कि सारे विश्व में डर की लहर फैल गई। ऐसी किसी महामारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता जिसके चलते पूरी मनुष्य प्रजाति का अंत हो जाए। 
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5. रोबोट का कंट्रोल : टर्मिनेटर एक ऐसी फिल्म सीरिज थी जिसने दुनिया को एक संभावित खतरे से आगाह किया। पूरी तरह से काल्पनिक लगने वाली यह फिल्म सीरिज उस खतरे की पहली झलक थी जो दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है। हाल ही में यूनाइटेड नेशंस ने कीलर रोबोट बनाने पर बैन लगाया है। 

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मशीनों में सोचने और समझने की शक्ति इंसानों के अस्तित्व के लिए खतरा उन परिस्थितियों में हो यकीनन हो सकती है जब आज का वैज्ञानिक रोबोट में भावनाएं भरने की तरह काम कर रहा है। आज के दौर में भी मशीनों की ताकत से हर कोई वाकिफ है। इंसान सिर्फ तभी तक सुरक्षित है जब तक मशीनें इंसान के नियत्रंण में हैं। 
 
अगले पेज पर ब्लैक होल .... 

6. ब्लैक होल : पृथ्वी जिस आकाशगंगा का हिस्सा है वह ब्लैक होल से भरी हुई है। यह ब्लैक होल बड़े सितारों के गिरने पर बनते हैं। इनकी ग्रेविटी इतनी ताकतवर होती है कि उनमें हर चीज समा जाती है। 

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दुर्हम युनिवर्सिटी ने ऐसे पांच विशाल ब्लैक होल्स खोजे हैं जो सूर्य से अरबों गुना बड़े हैं। इनके पृथ्वी के निकट पहुंचने पर, पृथ्वी के इनमें समा जाकर खत्म होने की संभावना वैज्ञानिकों को भयभीत किए हुए है। 
 
अगले पेज पर ग्लोबल वॉर .... 
 

7. ग्लोबल वॉर : आज कई देशों के पास न्यूक्लियर ताकत इतनी अधिक हो चुकी है कि वैज्ञानिक ग्लोबल वॉर में भी प्रलय की संभावना देखते हैं। 

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यह हथियार इतने शक्तिशाली हैं कि गलत हाथों में जाने पर कई बार दुनिया का अंत हो सकता है। वर्तमान में नौ देशों के पास न्यूक्लियर ताकत है। जिनमें पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया जैसे देश भी शामिल हैं। इससे भी बढ़कर बॉयोलॉजिकल हथियार भी इंसानों के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा हैं। 
 
अगले पेज पर भयंकर ज्वालामुखी फूटना .... 

8. भयंकर ज्वालामुखी फूटना : आज के सर्बिया में 252 मिलियन साल पहले एक भयानक ज्वालामुखी फूटा था। जिसके कारण उस समय धरती पर से 95 प्रतिशत जीवन मिट गया था। 

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कई मानते हैं कि अगला इसी तरह का ज्वालामुखी फूटना बहुत अधिक लंबे समय से होने को है। यह कभी भी हो सकता है। अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में इस तरह का सुपरवॉल्केनों स्थित है। अगर यह फूट गया तो इंसानों के खत्म होने की पूरी संभावना है। 
 
अगले पेज पर भयंकर परग्रही हमला .... 
 

 
9. परग्रही हमला : वैज्ञानिक भी मानते हैं कि पूरी संभावना है कि अरबों आकाशगंगाओं में से कहीं जीवन है। उनका मानना यह भी है कि इन आकाशगंगाओं में रहनेवाले पृथ्वी के निवासियों से कहीं अधिक शक्तिशाली और तकनीकी रूप से विकसित हैं। 

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स्टीफन हॉकिंस (जाने माने वैज्ञानिक) को लगता है कि ये परग्रही धरती पर संसाधनों की तलाश में आ सकते हैं और इंसानों को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं। यह पानी के पूरी तरह से खत्म होने और सोलर सिस्टम के नष्ट होने जैसे खतरों के रूप में सामने आ सकता है। 
 
अगले पेज पर एस्ट्रोइड इंपेक्ट (उल्कापिंड) .... 

10. एस्ट्रोइड इंपेक्ट (उल्कापिंड): अगर कोई विशालकाय पत्थर धरती से टकरा जाए तो पृथ्वी पर जीवन पूरी तरह से खत्म हो जाए। इस तरह की टक्कर मिलियन सालों में होती है।

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माना जाता है कि धरती से डायनासोर के खत्म होने की वजह इसी तरह के उल्कापिंड ( बड़े आसमानी पत्थर का धरती से टकराना ) का पृथ्वी से टकराना है। यह छह मील जितना बड़ा उल्कापिंड था जो 66 मिलियन साल पहले धरती से टकरा गया था। 


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